भारी बर्बादी के बाद, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की तटस्थ रहने के लिए हुए तैयार, तुर्की में होगी आज से रूस के साथ युद्धविराम पर बात
यूक्रेन रूस के बीच युद्ध शुरू हुए 32 दिन बीत चुके हैं, आज लड़ाई का तैंतीसवां दिन है लेकिन रूस के हमले नहीं रुक रहे हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन रूस के बीच युद्ध शुरू हुए 32 दिन बीत चुके हैं, आज लड़ाई का तैंतीसवां दिन है लेकिन रूस के हमले नहीं रुक रहे हैं. दोनों देशों के बीच चल रहे इस युद्ध को अबतक 46 हजार 80 सेकेंड, 768 घंटे और 32 दिन हो गए हैं. इस बीच दुनियाभर के राजनेताओं और लोगों के मन में सवाल है कि क्या अब यूक्रेन रूस के सामने सरेंडर करेगा, क्या आज होने वाली वार्ता में रूस की शर्तें मानेगा यूक्रेन. ये वो सवाल है जिसके जवाब पर दुनिया की निगाहें टिकी है.
दरअसल तुर्की के इस्तांबुल में दोनों देशों के प्रतिनिधि आज एक बार फिर से आमने-सामने बैठकर बातचीत करेंगे. लेकिन इस वार्ता से पहले राष्ट्रपति जेलेंस्की से साफ शब्दों में कहा है कि वो पुतिन की गैरवाजिब मांगों के आगे नहीं झुकने वाले है. इस वार्ता से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि अगर रूस डिनैजिफिकेशन और असैन्यीकरण की बातें करेंगे तो हम बातचीत की मेज पर भी नहीं बैठेंगे. ये चीजें हमारी समझ के परे हैं.
यूक्रेन और रूस के बीच पहले भी बेलारूस में कई दौर की बातचीत हो चुकी है. रूस चाहता है कि यूक्रेन खुद को गुटनिरपेक्ष देश घोषित करे, NATO में शामिल नहीं होने की गारंटी दे, दोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वंतत्र देश माने और डोनबास से नियो नाजी ओजोव आर्मी को खत्म करे.
वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति का कहना है कि वह रूस को सुरक्षा की गारंटी देने, तटस्थ रहने और खुद को न्यूक्लियर फ्री स्टेट घोषित करने करने के लिए तैयार हैं. दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है.
यूक्रेन पर जैविक हथियार हासिल करने का आरोप
रूस ने यूक्रेन पर परमाणु और जैविक हथियार हासिल करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया है जिसे जेलेंस्की खारिज कर रहे हैं. जेलेंस्की का कहना है कि, 'ये एक मजाक है, हमारे पास परमाणु हथियार नहीं हैं. हमारे पास जैविक प्रयोगशालाएं और रासायनिक हथियार नहीं हैं. ये चीजें यूक्रेन के पास नहीं हैं.'
जेलेंस्की के बयानों से अब ये भी लगने लगा कि रूसी हमलों से यूक्रेनी सेना के हौसले अब पस्त होने लगे हैं, हथियारों की कमी हो रही है और बिना हथियार के कोई भी सेना दुश्मन का मुकाबला नहीं कर सकती है. हाल ही में राष्ट्रपति ने कहा था कि यूक्रेन रूस की मिसाइलों का मुकाबला शॉटगन और मशीनगन से नहीं कर सकता. बिना टैंक, बख्तरबंद गाड़ियों और खासतौर पर जेट्स के बिना अब मारियूपोल को बचाना संभव नहीं है.
मारियुपोल में सबसे ज्यादा बरसाई मिसाइलें
दक्षिण यूक्रेन में ओजोव सागर से सटा मारियुपोल की वो शहर है जिसपर रूस ने सबसे ज्यादा मिसाइलों बरसाई हैं. रूस इस शहर पर कब्जा कर क्रीमिया, खेरसॉन को डोनबास इलाके से जोड़ना चाहता है ताकि उसकी सेना को रसद के लिए नया रूट मिले है और यूक्रेन को ब्लैस सी से काटकर उसकी आर्थिक नाकेबंदी की जाए.लेकिन अब तक ऐसा हुआ नहीं है. हालांकि रूस दावा कर रहा है कि युद्ध के एक महीने के बाद उसने अपने मिलिट्री ऑपरेशन का पहला चरण पूरा कर लिया और अब वो डोनबास के दोनेत्सक और लुहांस्का की आजादी पर फोकस करेगा.