फेसबुक के बाद अफगानों ने ट्विटर पर चलाया 'बैन तालिबान' अभियान, इन देशों से मिला समर्थन
तालिबान से जुड़े कंटेंट और पेजों पर मेटा की कार्रवाई के बाद, अफगानों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर एक हैशटैग के साथ तालिबान पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तालिबान से जुड़े कंटेंट और पेजों पर मेटा (फेसबुक) की कार्रवाई के बाद, अफगानों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर एक हैशटैग के साथ तालिबान पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है। हैशटैग 'बैन तालिबान' एक वैश्विक स्तर पर सनसनी बन गया है। जिसके समर्थन में अब तक हजारों से अधिक ट्वीट किए जा चुके हैं। इस अभियान ने तेजी से रफ्तार पकड़ी है। इस ट्रेंड ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, यूरोप और भारत के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका से भी समर्थन प्राप्त किया है।
अफगानिस्तान पीस वाच की रिपोर्ट में अफगान पत्रकार और नागरिक कार्यकर्ता ट्विटर पर सभी तालिबान सदस्यों तक पहुंच न बनाने का आग्रह कर रहे हैं।
अफगान पीस वाच के संस्थापक ने लिखा है, 'लड़कियों को स्कूलों में प्रतिबंधित कर दिया गया है, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और पूर्व ANDSF के सदस्यों को व्यवस्थित रूप से प्रताड़ित और लक्षित किया जाता है, तालिबान नागरिकों के खिलाफ अत्याचार के लिए जिम्मेदार है।#बैन_तालिबान'
मेटा के एक प्रवक्ता ने कहा, 'तालिबान को अमेरिकी कानून के तहत एक आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित किया गया है और उन्हें हमारी सेवाओं का उपयोग करने से बैन कर दिया गया है।'
पिछले साल अगस्त में, जैसे ही तालिबान सत्ता में आया, कई सोशल मीडिया कंपनियों ने तालिबान समर्थक खातों पर अपनी नीतियों पर फिर से विचार किया। हालांकि, ट्विटर ने तालिबान से जुड़े खातों को हिंसा और धमकियों के महिमामंडन के खिलाफ अपनी नीतियों के बावजूद अपने मंच का उपयोग जारी रखने की अनुमति देने का फैसला किया।
यह ट्विटर ट्रेंड अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA)के रिपोर्ट के बाद आता है, बुधवार को तालिबान के अधिग्रहण के बाद से 10 महीनों में अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति को रेखांकित करने वाली एक रिपोर्ट जारी की है।