पत्रकार को गिरफ्तार करवाने राष्ट्रपति ने 'हाईजैक' कराया यात्री विमान, आसमान पर भेजा दो फाइटर जेट, और फिर...
बेलारूस के राष्ट्रपति के इशारे पर यात्री विमान को 'हाईजैक' कर लिया गया. इस यात्री विमान को जमीन पर लाने के लिए लड़ाकू विमान को आसमान में भेजा गया. विमान की गंतव्य स्थल से पहले लैंडिंग कराइ गई. जिसके बाद खुलासा हो सका, कि दरअसल विमान में सवार एक पत्रकार यात्री को गिरफ्तार करने के लिए ये पूरा खेल खेला गया. हालांकि इस हरकत के लिए बेलारूसी राष्ट्रपति की वैश्विक स्तर पर आलोचना शुरू हो गई है. रविवार को ग्रीस के एथेंस से लिथुआनिया के विलिनियस शहर जा रहे रेयानएयर के यात्री विमान को उतारने के लिए लड़ाकू विमान आसमान में भेजा गया. जिसके बाद इस यात्री विमान की जबरन मिंस्क एयरपोर्ट पर लैंडिंग करा दी गई. ये हाईजैक 26 वर्षीय पत्रकार रोमन प्रोतसाविक को गिरफ्तार करने के लिए किया गया.
रोमन प्रोतसाविक एक राजनीतिक कार्यकर्ता भी हैं, जो राष्ट्रपति आलेक्जांडर लुकाशेंको के आलोचक रहे हैं. वहीं इस हरकत के लिए बेलारूसी राष्ट्रपति की वैश्विक स्तर पर आलोचना शुरू हो गई है. bbc.com के मुताबिक बेलारूस की राज्य मीडिया ने कहा कि वहां के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने इस कदम के लिए व्यक्तिगत तौर पर आदेश दिया था. इस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब रोमन प्रोतसाविक की गिरफ्तारी हुई, तो बहुत डरा हुआ था. उसने अपने साथी यात्रियों से कहा कि उसे मौत की सजा का सामना करना पड़ेगा. बेलारूस एकमात्र यूरोपीय देश है जो अभी भी मौत की सजा का उपयोग करता है. एक बयान में रयानएयर ने कहा कि चालक दल को "बेलारूस (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) द्वारा बोर्ड पर संभावित सुरक्षा खतरे के बारे में सूचित किया गया था और उन्हें निकटतम हवाई अड्डे, मिंस्क की ओर मोड़ने का निर्देश दिया गया था."
यूरोप के कई नेताओं ने इसे हाईजैक की घटना बताया है. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि ये बेहद चौंकाने वाला कार्य है. बता दें कि रोमन प्रोतसाविक नेक्स्टा के पूर्व संपादक हैं, जो एक टेलीग्राम चैनल के साथ एक पत्रकार भी हैं. उन्होंने 2019 में लिथुआनिया में निर्वासन में रहने के लिए बेलारूस छोड़ दिया. वहां से उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव की घटनाओं को कवर किया, जिसके बाद उन पर आतंकवाद और दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया था.
नेक्स्टा ने वोट के दौरान विपक्ष के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें लुकाशेंको ने जीत दर्ज की. वैसे प्रोतसाविक चर्चा में उस दौरान आए, जब 2011 में उसने एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसके बाद उसे स्कूल से निकाल दिया गया था.