आखिर चीन को ताइवान पर हमले से पहले किस चीज का है इंतजार, जानें- ड्रैगन की रणनीति और उसकी खतरनाक मंशा के बारे में क्‍या कहती है ये रिपोर्ट

एक तरफ जहां पूरी दुनिया रूस और यूक्रेन के बीच उभरे तनाव और भविष्‍य को लेकर चिंता में है वहीं दूसरी तरफ चीन और ताइवान के बीच भी तनाव के बढ़ने की उम्‍मीद की जा रही है।

Update: 2022-02-12 01:35 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक तरफ जहां पूरी दुनिया रूस और यूक्रेन के बीच उभरे तनाव और भविष्‍य को लेकर चिंता में है वहीं दूसरी तरफ चीन और ताइवान के बीच भी तनाव के बढ़ने की उम्‍मीद की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रूस और यूक्रेन के तनाव के बीच चीन के लड़ाकू विमान ताइवान में घुस सकते हैं। अमेरिका के ग्‍लोबल स्‍ट्रेट व्‍यू की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते कुछ समय में चीन के लड़ाकू विमानों ने कई बार ताइवान के हवाई क्षेत्र का उल्‍लंघन किया है और उसके एयर डिफेंस जोन में घुसने की गलती की है।

चीन की तरफ से अमेरिका को भी खुली चेतावनी दी गई है कि उसकी गलती युद्ध को भड़का सकती है और ताइवान को अपने कब्‍जे में लेने के लिए चीन सेना का सहारा ले सकता है। ग्‍लोबल स्‍ट्रेट व्‍यू की रिपोर्ट के मुताबिक रूस और यूक्रेन तनाव पर विश्‍व किस तरह से सोचता है और क्‍या निर्णय लेता है इसका इंतजार कर रहा है। वहीं उसको इस बात का भी इंतजार है कि रूस के यूक्रेन पर हमला करने की सूरत में विश्‍व की दूसरी ताकतें किस तरह से किसका साथ देती हैं और कैसे हस्‍तक्षेप करती हैं।
ताइवान परचीन के अगले कदम को यही सवालों के जवाब दिशा भी देंगे। आपको बता दें कि चीन पहले से ही ताइवान को अपने अधिकार क्षेत्र में या अपना हिस्‍सा मानता है। इसको लेकर वो कई बार आक्रामक भी हो चुका है। वही दूसरी तरफ अमेरिका न सिर्फ ताइवान की सुरक्षा के बाबत अपनी वचनबद्धता को कई बार दोहरा चुका है वहीं उसको हथियार और दूसरे साजो-सामान भी दे रहा है। चीन ताइवान के मुद्दे पर विश्‍व की राय और उसके विचारों को भी नजरंदाज नहीं करता है।
यही वजह है कि चीन पहले ये देखना चाहता है कि रूस और यूक्रेन के तनाव पर दुनिया का रुख क्‍या है और हमले की सूरत में विभिन्‍न देशों की सेना इस पर अपना क्‍या रुख लेती हैं। यही तय करेगा कि यदि चीन ने ताइवान पर हमला किया तो कौन उसके समर्थन में आएगा। हालांकि ग्‍लोबल स्‍ट्रेट व्‍यू में कहा गया है कि रूस और यूक्रेन तनाव से अधिक खतरनाक चीन और ताइवान विवाद होगा। ये केवल क्षेत्रिए न होकर इससे कहीं अधिक बड़ा होगा और इसमें कई पश्चिमी ताकतें शामिल होंगी।
उइगरों के प्रति सही नहीं है चीन का रवैया- आईएलओ
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ताइवान के साथ सहयोग करने वाले देशों को कई बार चेतावनी दे चुका है। स्‍लोवानिया को भी चीन की तरफ से इस संबंध में आगाह किया है। स्‍लोवानिया ने ताइवान में अपना कूटनीतिक प्रतिनिधि तैनात करने का फैसला लिया था। इस पर चीन ने कहा है कि ये उसके लिए खतरनाक हो सकता है। चीन की तरफ से कहा गया है कि स्‍लोवानिया चीन को किसी भी तरह से कम समझने की भूल न करे। ताइवान न केवल उसका हिस्‍सा है बल्कि वो अपने क्षेत्र की अखंडता और एकता के लिए कहीं तक भी जा सकता है।
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