21 साल बाद तालिबान ने आखिर क्यों जमीन से खोदकर निकाली अपने संस्थापक मुल्ला उमर की कार? अमेरिका से जुड़ी है वजह

अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के संस्थापक दिवंगत मुल्ला मुहम्मद उमर मुजाहिद की टोयोटा वैगन को जमीन के अंदर से खोदकर निकाला गया है.

Update: 2022-07-06 01:38 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के संस्थापक दिवंगत मुल्ला मुहम्मद उमर मुजाहिद (Mullah Mohammad Omar) की टोयोटा वैगन को जमीन के अंदर से खोदकर निकाला गया है. दरअसल, इस टोयोटा का इस्तेमाल मुल्ला महम्मद ने कंधार से जाबुल प्रांत की यात्रा के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण की शुरुआत के दौरान किया था. तालिबान से जुड़े एक कार्यकर्ता मुहम्मद जलाल नामक एक शख्स ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. इसके साथ ही उसने कुछ तस्वीरें भी साझा की हैं.

मुहम्मद जलाल ट्वीट कर कहा, 'अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के संस्थापक दिवंगत मुल्ला मुहम्मद उमर मुजाहिद की टोयोटा वैगन को जमीन से खोदा गया है और इसे साफ किया जाएगा. इस टोयोटा वैगन का दिवंगत मुल्ला मुहम्मद उमर द्वारा कंधार से जाबुल प्रांत की यात्रा के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण की शुरुआत के दौरान किया गया था. यह अच्छी हालत में है.'
करीब 21 साल से दी दफन दी टोयोटा कार
इस तस्वीर में दिख रहा है कि खुदाई के दौरान कार प्लास्टिक की चादर में ढकी हुई थी. हालांकि, सामने का शीशा टूटा हुआ था. इस कार को जाबुल प्रांत के गांव में खोदा गया है. मिट्टी में दफन इस कार को हाथ से खुदाई कर जमीन के भीतर से निकाला गया है. वहीं, तालिबान के एक सूत्र ने कहा कि रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब (मुल्ला उमर के बेटे) ने अधिकारियों को कार को उजागर करने का आदेश दिया, जो लगभग 21 साल से दफन थी. वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, इस टोयोटा को काबुल के नेशनल म्यूजियम में प्रदर्शित किया जाएगा. इस म्यूजियम में पहले से ही पूर्व राजाओं और प्रधानमंत्रियों की कारें हैं.
इसी कार से मुल्ला उमर पहुंचा था कंधार से जाबुल
तालिबान के संस्थापक, लुकिंग फॉर द एनिमी की जीवनी के लेखक बेट्टे डैम ने कहा मुल्ला उमर ने अमेरिकी सेना के 2001 में 9/11 के हमलों के जवाब में अफगानिस्तान पर हमला के दौरान ऐसा किया था. जब वह कंधार से दक्षिणी अफगानिस्तान के जाबुल प्रांत में पहुंचा था तब उसने टोयोटा को दफनाया था. वहीं, अब इस टोयोटा को काबूल के राष्ट्रीय संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा.
मुल्ला उमर ने की थी तालिबान की स्थापना
बता दें कि मुल्ला उमर ने 1994 में इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान (तालिबान) की स्थापना की और 2013 में अपनी मृत्यु तक इसके पहले नेता के रूप में कार्य किया. तालिबान ने 1996 में उमर के नेतृत्व में काबुल में सत्ता संभाली थी लेकिन बाद में 2001 में अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण से उसे गिरा दिया गया था.
2013 में हुई थी मुल्ला उमर की मृत्यु
मुल्ला उमर की मृत्यु 2013 में हुई थी. दो साल तक उसकी मौत को छुपाया गया. साल 2015 में उसके बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब ने मुल्ला उमर की मौत पुष्टि की. 1960 में दक्षिणी अफगान प्रांत कंधार में जन्मे मुल्ला उमर ने 1980 के दशक में सोवियत सेना के खिलाफ अफगान लड़ाकों के साथ लड़ाई लड़ी और युद्ध में अपनी दाहिनी आंख खो दी थी.
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