अफगानिस्तान: लगातार जारी है हिंसा का दौर, लश्करगढ़ में लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है UN

एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि अफगानिस्तान में संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं है।

Update: 2021-08-05 05:02 GMT

अफगानिस्तान में जारी संघर्ष के कारण इस साल के शुरुआत से लेकर अब तक करीब 360,000 लोगों को जबरन विस्थापित किया गया है। तालिबानियों के बढ़ते वर्चस्व और अफगानिस्तान की आम जनता के चिंताजनक हालात पर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरस ने चिंता जताई है। उन्होंने लश्करगढ़ के लोगों की सुरक्षा को लेकर कहा है कि हिंसा के कारण लोग संकट का सामना करने को मजबूर हैं। दरअसल तालिबान के जारी हिंसा की चपेट में यहां के हजारों लोग आ सकते हैं। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहयोग मिशन (UNAMA) ने शहरी इलाकों में जारी जंग को तुरंत खत्म करने को कहा है।

नवीनतम रिपोर्टों से पता चलता है कि तालिबानियों ने लश्करगढ़ में बीते 24 घंटे के दौरान 40 नागरिकों की जान ले ली। कंधार में 5 लोग मारे गए और 42 जख्मी हैं। महासचिव गुतेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजार्रिक ने कहा, 'देश के दक्षिणी हिस्से लश्करगढ़ में लोगों की सुरक्षा को लेकर हम काफी चिंतित हैं, जहां दस हजार से अधिक लोग तालिबान के चंगुल में आ सकते हैं।' दुजार्रिक ने बताया कि इस साल की शुरुआत से अब तक करीब 360,000 लोगों को जबरन विस्थापित किया जा रहा है।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान के हेरात में संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय पर पिछले सप्ताह हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। UNSC के अध्यक्ष एवं संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरूमूर्ति की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि अफगानिस्तान में संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं है।


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