अफगानिस्तान ने पहली बार स्वीकार किया लश्कर के आतंकवादी के साथ मचा रहे तबाही, भारत से मांगी मदद
जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्षता की कमान संभाली है।
तालिबान आतंकियों के भीषण हमलों से थर्राए अफगानिस्तान ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए- तैयबा के आतंकवादी उनके देश में तबाही मचा रहे हैं। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री हनीफ अतमर ने मंगलवार को तालिबानी हिंसा के संबंध में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की। हनीफ ने विदेशी राजनयिकों से मुलाकात की और कहा कि तालिबानी हिंसा में अब तक 3 हजार लोग मारे गए हैं और 3 लाख लोग विस्थापित हो गए हैं।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि विदेश मंत्री मंत्री ने बताया कि तालिबान के आतंकी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, अलकायदा, ईस्ट तुर्केस्तान इस्लामिक मूवमेंट, अंसारुल्लाह आदि के 10 हजार आतंकियों के साथ तबाही मचा रहे हैं। अफगान विदेश मंत्री ने मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आपातकालीन सत्र को बुलाने की मांग की ताकि तालिबानी हिंसा को रोका जा सके।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्षता की कमान संभाली
हनीफ ने मंगवार को ऐसे समय पर भारतीय विदेश मंत्री को फोन किया जब काबुल में अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री के आवास पर आत्मघाती हमला हुआ था। इस हमले में अब तक 10 लोग मारे गए हैं। हनीफ ने भारतीय राजदूत को भी अफगानिस्तान में सुरक्षा हालात और लश्कर-ए-तैयबा और तालिबान के बीच गठजोड़ के बारे में बताया। अफगानिस्तान ने आपात बैठक बुलाने की गुहार ऐसे समय पर लगाई है जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्षता की कमान संभाली है।