अध्ययन के अनुसार कोरोना के खिलाफ 79 फीसदी तक प्रभावी है वैक्सीन: एस्ट्राजेनेका

शुक्रवार से वैक्सीन के अपने उपयोग को फिर से शुरू कर दिया. देश के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने वैक्सीन लगवाकर इसकी सुरक्षा को प्रमाणित किया.

Update: 2021-03-22 10:32 GMT

एस्ट्राजेनेका फार्मास्युटिकल कंपनी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की गई कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) अमेरिका में हुए एक परीक्षण में 79 फीसदी तक प्रभावी रही है. इस तरह एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड कोरोनावायरस वैक्सीन (AstraZeneca-Oxford Covid-19 vaccine) को जल्द ही अमेरिकी प्रशासन से इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है. गौरतलब है कि हाल के दिनों में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लगने के बाद ब्लड क्लॉटिंग (खून का थक्का जमना) के मामले सामने आए थे. इसके बाद कई मुल्कों में इसके इस्तेमाल पर रोक लग गई थी.

ब्रिटिश दवा कंपनी ने सोमवार को 30,000 वॉलंटियर्स पर किए गए अध्ययन का डाटा प्रकाशित किया. वैक्सीन के नतीजों से बुजुर्गों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि परीक्षण में शामिल किए गए एक चौथाई वॉलंटियर्स 65 साल से अधिक उम्र के रहे. इससे पहले पिछले साल हुए अध्ययन में 65 साल से अधिक उम्र के कम लोगों के शामिल नहीं होने के चलते इससे प्राप्त डाटा एक निर्णायक नतीजा देने में असफल रहा था. एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड द्वारा तैयार ये वैक्सीन गंभीर बीमारी, मृत्यु और अस्पताल में भर्ती होने की दर को रोकने में 100 फीसदी प्रभावी रही है.

ब्लड क्लॉटिंग के मामलों से रुका कई मुल्कों में वैक्सीन का प्रयोग
इन नतीजों के सामने आने के बाद दुनियाभर में वैक्सीन की विश्वसनीयता में इजाफा होगा. हाल ही में ब्लड क्लॉटिंग के मामलों के चलते वैक्सीन की विश्वसनीयता और प्रभावकारिता को लेकर सवाल उठ खड़े हुए थे. खासतौर पर यूरोप के कई मुल्कों ने ब्लड क्लॉटिंग के मामलों के चलते इसके प्रयोग पर रोक लगा दी थी. हालांकि, एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को दुनियाभर के 50 से अधिक मुल्कों में इस्तेमाल की मंजूरी मिली हुई है, लेकिन अभी तक इसे अमेरिका में प्रयोग के लिए हरी झंडी नहीं दिखाई गई थी.

ब्रिटेन ने सबसे पहले दी थी वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी
ब्रिटेन ने ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अपने देश में हुए वैक्सीन के आंशिक परिणामों के आधार पर वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी दी थी. इसमें बताया गया था कि वैक्सीन 70 फीसदी तक प्रभावी है. इसके बाद बुजुर्गों पर इस वैक्सीन की प्रभावकारिता को लेकर सवाल खड़े हुए. जर्मनी, फ्रांस और बेल्जियम जैसे यूरोपीय मुल्कों ने इसे बुजुर्गों को नहीं लगाने की सलाह दी. वहीं, वरिष्ठ नागरिकों को लेकर सामने आए परीक्षण नतीजों के बाद इसे इस्तेमाल की मंजूरी दे दी.

ब्लड क्लॉट से कई देशों में रुका था वैक्सीन का प्रयोग
पिछले सप्ताह, यूरोप के कई मुल्कों समेत दर्जनभर के देशों ने ब्लड क्लॉट के मामले सामने आने के बाद एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी. गुरुवार को जब यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने एक जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि वैक्सीन से ब्लड क्लॉट का खतरा नहीं है. इसके बाद फ्रांस, जर्मनी, इटली और अन्य देशों ने शुक्रवार से वैक्सीन के अपने उपयोग को फिर से शुरू कर दिया. देश के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने वैक्सीन लगवाकर इसकी सुरक्षा को प्रमाणित किया.


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