पाकिस्‍तान के NSA डॉक्‍टर का एक नया बयान, बोले-सेल पर नहीं है हमारा देश

उन्‍होंने कहा कि जब से तालिबान ने टेकओवर किया है तब से ही उनकी अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन से कोई बात नहीं हुई है.

Update: 2021-10-15 05:29 GMT

पाकिस्‍तान (Pakistan) के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor NSA) डॉक्‍टर मोईद युसूफ ने एक नया बयान दिया है. उनके बयान को अमेरिका को अप्रत्‍यक्ष तौर पर दिया गया अल्‍टीमेटम कहा जा सकता है. डॉक्‍टर मोईद ने कहा है कि पाकिस्‍तान अब सेल के लिए नहीं है.

मोईद यूसुफ ने एक इंटरव्‍यू में कहा, 'पाकिस्‍तान अब अपने हितों के लिए खड़ा होगा. वो भावनात्‍मक तौर पर नहीं बल्कि वो व्‍यवहारिक तौर पर अपने हितों की रक्षा करेगा.' मोईद ने आगे कहा, 'कई बार इस बात की आलोचना की जा चुकी है और कई लोगों ने इसे एक गलती के तौर पर करार दिया है. मगर ये सच है कि पाकिस्‍तान अब किसी भी देश के बेस के तौर पर काम नहीं करेगा. न ही वो आने वाले समय में किसी दूसरे देश के एयरबेस के तौर पर होगा.'
एकतरफा फैसलों का नतीजा
उन्‍होंने कहा, 'पिछले 20 सालों से एक ऐसा युद्ध चल रहा था जिसे जीता नहीं गया और कुछ लोग चाहते थे कि पाकिस्‍तान इस युद्ध को उनके लिए जीते. मगर ये बहुत ही अवास्‍तविक लक्ष्‍य था.' उन्‍होंने कहा कि पूर्व में कई ऐसे फैसले लिए गए हैं जिसमें जनता को शामिल नहीं किया गया था. आखिर में इन फैसलों ने पाक को ही नुकसान पहुंचाया.
उन्‍होंने कहा, 'ये एक उदाहरण है जो प्रधानमंत्री इमरान खान हर देश के सामने पेश करना चाहते हैं न केवल अमेरिका के सामने. अगर कोई ऐसी स्थिति होती है जहां पर पाकिस्‍तान को अपने हित नजर नहीं आएंगे, हम उस स्थिति में आगे नहीं बढ़ेंगे.'
इमरान ने भी कहीं थी ऐसी बातें
एक महीने पहले ही न्‍यूज चैनल सीएनएन को दिए इंटरव्‍यू में इमरान खान ने भी अमेरिका के साथ पाक के संबंधों पर भी बात की थी. उन्‍होंने कहा था कि अमेरिका के साथ रिश्ते काफी खतरनाक हो चुके हैं. इमरान के शब्‍दों में, 'पाकिस्‍तान, अमेरिका के लिए बस एक किराए की बंदूक की तरह है. वो हमारे साथ आए क्‍योंकि उन्‍हें अफगानिस्‍तान में युद्ध जीतना था और ऐसा हो नहीं सका.'
खान ने इस दौरान अमेरिका को वॉर्निंग भी दी थी. उन्‍होंने कहा कि अमेरिका अपने लक्ष्‍यों को सेना के दम पर हासिल नहीं कर सकता है. उसे अफगानिस्‍तान में समस्‍या को दूर करने के लिए राजनीतिक तौर पर प्रयास करने चाहिए थे. इमरान खान ने इससे पहले अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सेना के जाने की आलोचना की थी. उन्‍होंने कहा कि जब से तालिबान ने टेकओवर किया है तब से ही उनकी अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन से कोई बात नहीं हुई है.

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