अवैध तरीके से भारत आया म्यांमार का एक सैनिक, बताया ये वजह

म्यांमार के सैनिक क्या ने हिंसा के उन क्षणों को याद किया जब उन्हें मुल्क में तख्तापलट के बाद अपने ही समुदाय के लोगों पर हथियारों का इस्तेमाल करने को कहा गया.

Update: 2021-03-16 16:39 GMT

म्यांमार के सैनिक क्या ने हिंसा के उन क्षणों को याद किया जब उन्हें मुल्क में तख्तापलट के बाद अपने ही समुदाय के लोगों पर हथियारों का इस्तेमाल करने को कहा गया. ऐसे में उन्होंने भारत 'भागने' में ही भलाई समझी. क्या, जिनका नाम उनकी पहचान छुपाने के लिए बदला गया है, म्यांमार (Myanmar) के उन 40 लोगों में शामिल है जिनसे AFP ने भारत के पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम के अज्ञात स्थान पर मुलाकात की. इन 40 लोगों में से ज्यादातर पुलिस अधिकारी है. असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉ‍लिटिकल प्रिजनर्स मॉनिटरिंग ग्रुप के अनुसार, म्यांमार में 1 फरवरी को हुए तख्तापलट (coup in Myanmar) के बाद से अब तक 180 लोगों की मौत हो चुकी है. म्यांमार में लोकतंत्र के समर्थन में निकाली गई रैलियों के खिलाफ जुंटा शासन ने निर्दयतापूर्वक कार्रवाई की इस दौरान कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है

हिंसा के चलते 300 से अधिक म्यांमारी नागरिकों, जिनमें पुलिस अधिकारियों, सेना के अधिकारियों और उनके परिजनों की तादाद ज्यादा है, ने स्थानीय लोगों की मदद से सीमा पार करके मिजोरम में प्रवेश किया. 24 साल के राइफलमैन क्या बताते हैं कि उन्होंने करीब चार साल सेना को सेवाएं दीं. उन्होंने AFP को बताया कि सेना उन्हें निर्दोष लोगों का मारने का आदेश दे रही थी जो मेरे खुद के माता-पिता के जैसे हैं.


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