दुनिया भर में 488 मीडिया पेशेवर जेलों में कैद, साल 2021 में 46 पत्रकार की मौत

पत्रकारों के ऊपर राजद्रोह जैसे गंभीर मामले लगाने पर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जाहिर कर चुका है.

Update: 2021-12-16 06:50 GMT

एक एनजीओ के मुताबिक वर्तमान में दुनिया भर में 488 मीडिया पेशेवर जेलों कैद हैं. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स का कहना है कि 25 साल में यह संख्या सबसे अधिक है.रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) ने गुरुवार को बताया कि साल 2021 में 46 पत्रकार मारे गए और दुनियाभर में इस वक्त 488 मीडियाकर्मी जेलों में बंद हैं. अंतरराष्ट्रीय संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स हर साल पत्रकारों को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी करती है. उसके मुताबिक पिछले 25 सालों में मारे गए पत्रकारों की संख्या इस साल सबसे कम है. उसने इसका कारण मध्य पूर्व में संघर्ष में स्थिरीकरण बताया है. प्रेस की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले एनजीओ ने एक बयान में कहा, "1995 में आरएसएफ ने अपना वार्षिक आंकड़ा जारी करने के बाद से अपने काम के सिलसिले में हिरासत में लिए गए पत्रकारों की संख्या इतनी अधिक कभी नहीं रही" म्यांमार, बेलारूस और हांगकांग में मीडिया पर कार्रवाई के कारण पिछले एक साल में यह संख्या लगभग 20 प्रतिशत बढ़ी है. आरएसएफ ने कहा कि उसने कभी भी इतनी अधिक महिला पत्रकारों को हिरासत में नहीं देखा है, जिनकी कुल संख्या 60 है. चीन 127 पत्रकारों को जेल में बंद करने के साथ सबसे ऊपर है

हांग कांग में चीनी सरकार की कार्यवाही भी तेज हुई है. इसी साल जून में लोकतंत्र समर्थक अखबार ऐपल डेली के दफ्तर पर छापे मारे गए और उसके संपादकों व पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया गया. उसके बाद अखबार बंद हो गया था. म्यांमार में भी 53 पत्रकारों को जेल बंद किया गया, इसके बाद विएतनाम में 43, बेलारूस में 32 और सऊदी अरब में 31 पत्रकार जेलों में डाले गए. भारत में भी कई पत्रकारों के ऊपर मामले दर्ज होते आए हैं. कई पत्रकारों को रिपोर्टिंग के लिए गिरफ्तारी तक का सामना करना पड़ा है. राज्य सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों पर हमले तक हुए हैं. पत्रकारों के ऊपर राजद्रोह जैसे गंभीर मामले लगाने पर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जाहिर कर चुका है. एए/वीके (एएफपी)
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