कीव, एजेंसियां। यूक्रेन में अब कब्जे को बनाए रखने और उसे वापस छीनने की जंग शुरू हो गई है। इसके चलते रूस ने अब अपनी सैन्य कार्रवाई को और तेज करने का एलान किया है। जबकि यूक्रेन ने कहा है कि नागरिक ठिकानों पर रूसी हमले बढ़ गए हैं। बीते तीन दिनों में रूसी हमलों में 40 नागरिक मारे गए हैं। रूसी सेना ने शनिवार को यूक्रेन के मीकोलईव और निकोपोल शहरों को निशाना बनाया। क्षेत्रीय गवर्नर वेलेंटीन रेजनीचेंको ने कहा है कि इन शहरों पर 50 से ज्यादा राकेट दागे गए। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि करीब पांच महीने के युद्ध में 30 प्रतिशत रूसी हमले सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए, बाकी में नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया गया। इससे बड़ी संख्या में नागरिक मरे और घायल हुए। बड़ी मात्रा में नागरिक संपत्ति और सुविधाओं का नुकसान हुआ। नागरिक ठिकानों पर हमलों से बने भय के वातावरण में करीब एक करोड़ लोग अन्य देशों में चले गए। पलायन कर देश के भीतर ही सुरक्षित ठिकानों पर जाने वालों की संख्या इसके अतिरिक्त है।
रूस ने यूक्रेन के करीब 25 प्रतिशत भूभाग पर किया कब्जा
रूस ने अब तक की लड़ाई में पूर्वी यूक्रेन के लुहांस्क प्रांत, मारीपोल, खेरसान, मेलिटोपोल आदि को कब्जे में लिया है। रूस अभी तक यूक्रेन के करीब 25 प्रतिशत भूभाग पर कब्जा कर चुका है। युद्ध के बीच इस भूभाग पर कब्जा बनाए रखना भी बड़ी चुनौती है। खेरसान को वापस पाने के लिए यूक्रेनी सेना ने लड़ाई छेड़ दी है, तो रूसी सेना के सामने अपने कब्जे को बरकरार रखने की चुनौती है। खार्कीव और जपोरीजिया के हाथ से गए क्षेत्र फिर पाने के लिए यूक्रेनी सेना लड़ रही है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इलाकों का कब्जा फिर से पाने के लिए यूक्रेनी सेना अपने नागरिकों पर ही गोलाबारी और बमबारी कर रही है। इसमें जो लोग मारे जा रहे हैं उनकी जिम्मेदारी रूसी सेना पर डाल रही है। विदेशी हथियारों की बड़ी खेप मिलने के बाद यूक्रेनी सेना नए जोश के साथ रूसी सेना पर हमले कर रही है। इसी के मद्देनजर रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने अपनी सेना को यूक्रेन में हमले बढ़ाने के लिए कहा है।