4 हजार साल पुरानी रहस्यमयी आकृति 'सांड' मिला, करीब 10 फुट ऊंचा और 13 फुट है लंबा
जापानी शोधकर्ताओं ने ड्रोन और एआई की मदद से 15 साल तक शोध किया था।
रूस के तूवा इलाके में एक 4 हजार साल पुरानी रहस्यमय आकृति (Geoglyphs) का पता चला है। यह आकृति दुनियाभर में चर्चित पेरू की नाज्का लाइन्स से दो गुना पुरानी है। जमीन पर बनाया गया यह रेखाचित्र धार्मिक या आध्यात्मिक महत्व का है और केवल आकाश से पूरा देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि यह एक सांड का रेखाचित्र है जो करीब 10 फुट ऊंचा और 13 फुट लंबा है।
इस सांड के रेखाचित्र को कंकड़ और पत्थर से बनाया गया है। यह रेखाचित्र शुरुआती ताम्रपाषाण कालीन शव दफनाने का स्थल है जो रूस के मंगोलिया से सटे गांव खोनदेरगे के नजदीक स्थित है। रसियन अकादमी ऑफ साइंसेज के पुरातत्वविदों के मुताबिक मध्य एशिया में मिला यह अपनी तरह का पहला पशुओं का रेखाचित्र है। अकादमी के विशेषज्ञों ने इस खोज में मदद की है।
किसी पशु का रेखाचित्र पहली बार मिला
विशेषज्ञों के मुताबिक शुरुआती ताम्रपाषाण कालीन युग में साड़ के रेखाचित्र को मध्य एशियाई संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता था। इसके बाद के काल में सांड की जगह हिरण ने ले ली। इस इलाके में पहले भी पत्थरों पर पेंटिंग मिल चुकी है लेकिन किसी पशु का रेखाचित्र पहली बार मिला है। इससे पहले पेरू में पुरात्वविदों को एक 2200 साल पुरानी बिल्ली का विशाल रेखाचित्र मिला था। इसकी खोज करने वाले पुरातत्वविदों ने बताया था कि पेरू के नाज्का रेगिस्तान में स्थित एक पहाड़ी पर इस बिल्ली की 121 फुट लंबी आकृति बनाई गई है।
नाज़्का लाइन्स पेरू में सदियों से संरक्षित हैं और इसे नाज़्का संस्कृति की विरासत माना जाता है। अब तक यहां पर कई विशाल आकृतियां मिल चुकी हैं। अधिकारियों ने बताया कि बिल्ली इस आकृति को 200 ईसापूर्व में बनाया गया था। इस्ला ने बताया कि बिल्ली की आकृति पराकास काल के अंतिम दिनों में बनाई गई है जो 500 ईसा पूर्व से 200 ईस्वी के बीच था। पेरू के इस रहस्यमय रेगिस्तान में 140 नाज्का लाइंस मिली थीं जो करीब 2100 साल पुरानी हैं। जापानी शोधकर्ताओं ने ड्रोन और एआई की मदद से 15 साल तक शोध किया था।