प्रिंस विलियम 'अर्थशॉट पुरस्कार' के लिए 15 फाइनलिस्ट का चयन, लिस्ट में दो भारतीयों का भी नाम शामिल

ड्यूक ऑफ कैंब्रिज ने क्या कहा?

Update: 2021-09-18 13:49 GMT

Prince William Earthshot Prize: ब्रिटेन में अर्थशॉट पुरुस्कार (Earthshot Prize) के लिए 15 अंतिम प्रतिभागियों में दो भारतीय प्रोजेक्ट्स को शामिल किया गया है. एक प्रोजेक्ट तमिलनाडु की 14 साल की स्कूली छात्रा का है. उन्होंने सौर ऊर्जा से चलने वाली इस्त्री गाड़ी पेश की है. दूसरा प्रोजेक्ट दिल्ली के एक उद्यमी का है, उनका प्रोजेक्ट खेती के अपशिष्ट पदार्थ को रिसाइकल करने से जुड़ा है. ये पुरस्कार पहली बार दिया जा रहा है, जिसके लिए दुनियाभर से आए सैकड़ों नामांकन में महज 15 प्रतिभागियों को चुना गया. इस पुरस्कार की शुरुआत बीते साल ब्रिटेन ने प्रिंस विलियम (Prince William) ने की थी.

विनिशा उमाशंकर (Vinisha Umashankar) ने सौर ऊर्जा से चलने वाली इस्त्री गाड़ी के प्रोजेक्ट के जरिए 'क्लीन अवर एयर' श्रेणी में जगह बनाई है. भारत में लाखों लोगों के कपड़े कोयले से चलने वाली इसी इस्त्री से प्रेस किए जाते हैं. जिससे वायु की गुणवत्ता प्रभावित होती है. ऐसे में विनिशा ने इसे चलाने के लिए सौर ऊर्जा का विकल्प रखा है. इसके साथ ही टाकाचर के सह संस्थापक विद्युत मोहन ने इसी श्रेणी में जगह बनाई है. उन्हें सस्ती और पोर्टेबल तकनीक के लिए नामांकित किया गया है, जो फसल के अवशेषों को बेचने योग्य जैव-उत्पादों में परिवर्तित करती है.
ड्यूक ऑफ कैंब्रिज ने क्या कहा?
ड्यूक ऑफ कैंब्रिज प्रिंस विलियम ने कहा, 'मैं उन 15 इनोवेटर्स, लीडर्स और दूरदर्शी लोगों के बारे में बताते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं, जो द अर्थशॉट पुरस्कार के सबसे पहले फाइनलिस्ट हैं. वह उन चीजों पर काम कर रहे हैं, जो पृथ्वी पर जीवन के लिए सबसे ज्यादा जरूरी हैं (Earthshot Prize Environmental Solutions). इसके साथ ही ये सभी मानव इतिहास में सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करने की हमारी क्षमता को अपने आशावाद के साथ हम सभी को प्रेरित कर रहे हैं.'
घर लौटते समय आया आइडिया
तमिलनाडु की विदिशा जब स्कूल से घर लौट रही थीं, तब उन्होंने इस्त्री करने वाले शख्स को कूड़े में कोयला डालते देखा. जिसके बाद उन्होंने कोयले से होने वाले घातक परिणामों पर रिसर्च की (Indians Earthshot Prize). उन्हें पता चला कि किस तरह इसका धुंआ फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है. इसके साथ ही वह लकड़ी के कोयला और वनों की कटाई के बीच के संबंध के बारे में जानकर हैरान रह गईं. हर साल लकड़ी का कोयला बनाने के लिए बड़ी मात्रा में पेड़ काटे जाते हैं. विनिशा की सौर ऊर्जा से चलने वाली गाड़ी गंदे कोयले को सूरज की स्वच्छ ऊर्जा से बदल देती है.
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