बाइडेन अमेरिका का राष्ट्रपति बनने पर भारत पर क्या होगा असर

बाइडेन ने अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है,

Update: 2020-11-09 15:19 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बाइडेन ने अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है, इस चुनाव में ट्रंप को हराकर बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बने हैं। बाइडेन के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से पूरी दुनिया की नजर कहीं ना कहीं भारत की तरफ भी है, भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में अभी किसी बड़े बदलाव की संभावना कम ही नजर आ रही है बल्कि आर्थिक संबंध और बेहतर होने की उम्मीदें हैं, जिससे कि दोनों देशों के बीच और अधिक कारोबार बढ़ सकता है।

इन सभी में सबसे अच्छी बात यह लग रही है कि अब भारतीयों को ज्यादा ग्रीन कार्ड मिल पाएगें यानी ज्यादा भारतीय अमेरिका में बस सकते हैं। इसके साथ ही आईटी सेक्टर की कंपनियों को बाइडेन के आने का फायदा जरूर होगा। बाइडेन ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के पारित होने में भी अहम भूमिका निभायी थी, भारतीय राजनेताओं से मजबूत संबंध रखने वाले बाइडेन के दायरे में काफी संख्या में भारतीय-अमेरिकी भी हैं। चुनाव के लिए कोष जुटाने के एक अभियान के दौरान जुलाई में बाइडेन ने कहा भी था कि भारत-अमेरिका 'प्राकृतिक साझेदार' हैं।

उन्होंने बतौर उप राष्ट्रपति अपने आठ साल के कार्यकाल को याद करते हुए भारत से संबंधों को और मजबूत किए जाने का जिक्र भी किया था और यह भी कहा था कि अगर वह राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो भारत-अमेरिका के बीच रिश्ते उनकी प्राथमिकता रहेगी। इसके अलावा आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई एवं जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर मुद्दों पर भारत व अमेरिका के सम्बन्धों में मजबूती बनेगी ऐसी उम्मीद है। स्वास्थ्य व महामारी आज के दौर की बड़ी चुनौतियां है इस दिशा में भी दोनों देश मिलकर वैश्विक परिस्थितियों में बहेतर सुधार ला सकते हैं, उधर शिक्षा, अंतरिक्ष खोज कार्यों में भी भारत-अमेरिका सम्बन्ध अगले वर्षों में नई ऊंचाइयां छुएंगे ऐसा अनुमान है, चूकि बराक ओबामा सरकार में उपराष्ट्रपति रहे, जो बाइडेन ने तब भी भारत के साथ उपरोक्त सम्बंधों को बढ़ाने में अच्छी दिलचस्पी दिखाई थी।

पेनसिल्वेनिया में वर्ष 1942 में जन्मे जो रॉबिनेट बाइडेन जूनियर ने डेलावेयर विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की और बाद में वर्ष 1968 में कानून की डिग्री हासिल की। बाइडेन डेलावेयर में सबसे पहले 1972 में सीनेटर चुने गए जिसके बाद उन्होंने छह बार इस पद पर कब्जा जमाया। 29 वर्ष की आयु में सीनेटर बनने वाले बाइडेन अब तक के सबसे कम उम्र में सीनेटर बनने वाले नेता हैं। अब देखते हैं कि अमेरिका में राजनीति का लम्बा अनुभव रखने वाले बाइडेन के राष्ट्रपति बन जाने से भारत के रिश्ते में और कितनी मजबूती और परिवर्तन आते हैं।

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