Vishwakarma Puja 2021: 17 सितंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जाएगा विश्वकर्मा पूजा, ज्योतिषाचार्य से जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

विश्व के शिल्पकार और बिना विघ्न के मशीनरी के संचालन के लिये जगत्पूज्य भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है।

Update: 2021-09-14 05:00 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व के शिल्पकार और बिना विघ्न के मशीनरी के संचालन के लिये जगत्पूज्य भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। इस वर्ष 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार बाबा विश्वकर्मा पितरों की श्रेणी में आते हैं। सूर्य के कन्या राशि में प्रवेश के साथ पितरों का पृथ्वीलोक में आगमन मान लिया जाता है। वे हमारी श्रद्धा भक्ति के प्रसन्न होकर धन, वंश एवं आजीविका वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। वास्तु, निर्माण या यांत्रिक गतिविधियों से जुड़े लोग अपने शिल्प एवं उद्योग के लिये विश्वककर्मा पूजा के दिन देवशिल्पी की पूजा करते हैं।

इस दिन यंत्रों की सफाई और पूजा होती है और कल कारखाने बंद रहते हैं। आचार्य पीके युग बताते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका और लंकापुरी का निर्माण उन्होंने ही किया था। आचार्य युग ने बताया कि इस दिन सर्वार्थसिद्धियोग भी बन रहा है।
विश्वकर्मा पूजा का मुहूर्त-
17 सितंबर को सुबह छह बजकर 7 मिनट से 18 सितंबर सुबह तीन बजकर 36 मिनट तक योग रहेगा। 17 को राहुकाल प्रात: दस बजकर 30 मिनट से 12 बजे के बीच होने से इस समय पूजा निषिद्ध है। बाकी किसी भी समय पूजा कर सकते हैं।
19 सितंबर को केदार योग में अनंत चतुर्दशी -
आचार्य युग के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इस बार यह पर्व 19 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है। विष्णु पुराण के अनुसार अनंत सूत्र बांधने से सारी बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
अनंत सूत्र में 14 गांठें होती हैं। इसदिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ विशेष पुण्यदायक हैं। पूजा स्थल पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित कर पीले फूल, मिठाई चढ़ाकर दीप जलाएं। अनंत कथा सुनकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और अनंत सूत्र को धारण करें। इस दिन चार ग्रहों के योग की वजह के केदार नामक शुभ योग बन रहा है।
पूजा का मुहूर्त- 19 सितंबर को सुबह छह बजकर सात मिनट से लेकर पूरा दिन तक।


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