आईआईटी की मदद से अब और बढ़ेगी वायु सेना की ताकत

इंडियन एयर फ़ोर्स और आईआईटी दिल्ली के बीच हुई ये साझेदारी रखरखाव क्षमता, अप्रचलन प्रबंधन, स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में मेंटिनेंस कमान एयर फ़ोर्स के बेस रिपेयर डिपो के प्रयासों को काफी बढ़ावा देगी।

Update: 2022-01-01 03:41 GMT

श्री राम शॉ

नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना और आईआईटी दिल्ली ने भारतीय वायु सेना की आवश्यकताओं का समर्थन करने हेतु विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लिए हाल ही में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। एयर वाइस मार्शल समीर वी बोराडे वीएसएम, डिप्टी सीनियर मेंटेनेंस स्टाफ ऑफिसर, हेडक्वार्टर मेंटेनेंस कमांड, आईएएफ और प्रोफेसर एम.आर. रवि, अध्यक्ष, यांत्रिक इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी दिल्ली ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

इस संयुक्त साझेदारी का उद्देश्य आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए वायु सेना द्वारा किये जा रहे स्वदेशीकरण के प्रयासों में तेजी लाना है। भारतीय वायुसेना ने समझौता ज्ञापन के अन्तर्गत प्रौद्योगिकी विकास और विभिन्न हथियार प्रणालियों को बनाए रखने के लिए स्वदेशी समाधान खोजने वाले प्रमुख फोकस क्षेत्रों की पहचान की है। आईआईटी दिल्ली व्यवहार्यता अध्ययन और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान द्वारा विधिवत समर्थित सहयोग और परामर्श प्रदान करेगा।

इंडियन एयर फ़ोर्स और आईआईटी दिल्ली के बीच हुई ये साझेदारी रखरखाव क्षमता, अप्रचलन प्रबंधन, स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में मेंटिनेंस कमान एयर फ़ोर्स के बेस रिपेयर डिपो के प्रयासों को काफी बढ़ावा देगी।

वर्ष 2017 में आईआईटी दिल्ली ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वित्तीय सहयोग से संयुक्त उन्नत प्रौद्योगिकी केन्द्र स्थापित किया था। संस्थान में वर्तमान में 80 से अधिक संकाय सदस्य और 150 कर्मचारी और पीएचडी छात्र रक्षा से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। भारतीय वायु सेना के साथ हुए इस समझौता ज्ञापन से इन परियोजनाओं को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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