नॉएडा ब्रेकिंग: प्रभावी लिफ्ट अधिनियम के अभाव में हाईराइज बिल्डिंगों में हो रहे हादसों को रोकने के लिए यूपी में जल्द ही लिफ्ट अधिनियम लागू किया जा सकता है। इस मुद्दे को आज यूपी विधानसभा में जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह ने उठाया।
जेवर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक धीरेन्द्र सिंह ने लखनऊ में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कालिदास मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की थी और गौतमबुद्धनगर में हाईराइजिंग बिल्डिंगों में लिफ्ट से हो रहे हादसों से अवगत कराया था। मुख्यमंत्री ने जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह को आश्वासन दिया था कि लिफ्ट से होने वाले हादसों को रोकने की दिशा में कारगर कदम उठाया जाएगा।
विधायक ने विधानसभा में उठाया मुद्दा: जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात के बाद आज विधानसभा में लिफ्ट अधिनियम का मुददा उठाया। विधायक ने विधानसभा में कहा कि प्रभावी लिफ्ट अधिनियम के अभाव में गौतमबुद्धनगर में स्थित हाईराइज बिल्डिंगों में लिफ्ट में आए दिन हादसे हो रहे हैं। हाईराइज हाउसिंग सोसायटी में लिफ्ट फंसना, रूकना आम बात हो गयी है। हाल ही में एक पॉश सोसायटी में लिफ्ट गिरने से एक महिला की मौत हो गयी थी। हादसे रोकने के लिए उप्र में लिफ्ट अधिनियम का लागू होना बेहद जरूरी है। इसलिए सरकार इस कानून को राज्य में जल्द लागू करें।
पारस टियरा सोसायटी में हुआ था हादसा: नोएडा की पॉश हाईराइजिंग सोसायटी पारस टियरा में बीते दिनों लिफ्ट गिरने से एक 70 वर्षीय वृद्ध महिला की मौत हो गई थी। इससे पहले भी ग्रेटर नोएडा, नोएडा व ग्रेनो वेस्ट में लिफ्ट में लोगों के फंसने व अन्य दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसलिए यूपी में लिफ्ट एक्ट को लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है।
लिफ्ट एक्ट क्या है ?
जानकारी के मुताबिक लिफ्ट एक्ट में कुल 22 प्रावधान किए गए हैं। इसके चार प्रावधान जिनमें बिना मंजूरी लिफ्ट लगाने, लिफ्ट की जांच न कराने या जांच अधिकारी को रोकने, दुर्घटना को छिपाने, जान-बूझकर लापरवाही बरतने पर दो साल की सजा हो सकती है। लिफ्ट या एस्केलेटर लगाने के लिए सरकार द्वारा तय नियामक संस्था से मंजूरी लेनी होती है।
उ.प्र. सहित 25 राज्यों में नहीं लागू है लिफ्ट एक्ट: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के अलावा देश के 25 राज्यों में लिफ्ट सेफ्टी एक्ट लागू नहीं है। लिफ्ट एक्ट केवल दिल्ली, हरियाणा, हिमांचल प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल व तमिलनाडु में लागू है। उ.प्र. में पिछले काफी समय से लिफ्ट एक्ट को लागू करने की मांग विभिन्न सामाजिक संगठन व समाजसेवी कर चुके हैं।