Delhi NCR: गाजियाबाद में 60 एकड़ में बनेगा बायोडायवर्सिटी पार्क, फंड रिलीज हुआ

गाजियाबाद वालों को बड़ी राहत मिलेगी

Update: 2024-08-09 03:07 GMT

दिल्ली एनसीआर: गाजियाबाद नगर निगम के प्रस्ताव को शासन से स्वीकृति मिल गई है। महामाया स्टडियम के पीछे 60 एकड़ में बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित होगा। शासन ने इसके लिए 2.57 करोड़ रुपये की पहली किश्त भी जारी कर दी है। दो दशकों से हां - ना में फंसी बायोडायवर्सिटी योजना के परवान चढ़ने से गाजियाबाद वालों को बड़ी राहत मिलने वाली है। कंक्रीट के जंगल के बीच बायोडायवर्सिटी पार्क शहरवासियों को राहत देगा तो गाजियाबाद आने वालों के एक खास स्पॉट का काम भी करेगा।

14.76 करोड़ की लागत से होगा विकसित

बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित करने में 14.76 करोड़ रुपये खर्च होंगे। विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के मुताबिक इस पार्क में 38 सुविधाएं मिलेंगी। 400 से अधिक प्रजातियों के पौधों के साथ परिस्थितिकीय (इकोलॉजी) तंत्र विकसित करने के लिए मछली तालाब और बटरफ्लाई गार्डन भी होंगे। एक रिसर्च सेंटर भी विकसित किया जाएगा। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि शासन से मंजूरी के साथ पहली किश्त भी रिलीज कर दी गई है, अब जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कराया जाएगा। प्रोजेक्ट पूरा होने में करीब दो वर्ष का समय लगेगा। पार्क ऐसा होगा कि लोग दूर-दूर से देखने आएंगे।

पार्क की लोकेशन योजना में चार चांद लगाएगी

बायोडायवर्सिटी पार्क की लोकेशन इस योजना में चार चांद लगाएगी। यह पार्क गाजियाबाद के अलावा नोएडा, दिल्ली और मेरठ वालों की भी सीधी रीच में होगा। आरआरटीएस गाजियाबाद स्टेशन और नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर हैैं तो नोएडा वालों के लिए एनएच-9 न्यू लिंक रोड प्रोजेक्ट के ऊपर से गुजर रही है। यानि पार्क की कने‌क्टिविटी गाजियाबाद के अलावा नोएडा, दिल्ली और मेरठ वालों को भी सीधे कनेक्ट करेगी। यह पार्क बेहतर पिकनिक स्पॉट के साथ ही प्रदूषण को कम करने में मददगार साबित होगा।

साईं उपवन के लिए गार्ड का काम करेगा यह पार्क

गाजियाबाद का फेफड़ा कहा जाने वाले साईं उपवन और महामाया स्टेडियम के बीच होने से बायोडायवर्सिटी पार्क साई उपवन के लिए गार्ड का काम करेगा। सबसे बड़ी बात यह होगी कि स्टेडियम के पीछे की कालोनी से आने वाले सीवर के पानी को ट्रीट करने के लिए एक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भी इस प्रोजेक्ट में शामिल है। सीवर का पानी अभी साईं उपवन तक जाकर पेड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होने के बाद इन पेड़ों को भी नुकसान से बचाया जा सकेगा।

2006 से हो रहे बायोडायर्सिटी पार्क के लिए प्रयास

नगर निगम स्टेडियम के पीछे खाली पड़ी भूमि पर बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित करने के प्रयास लंबे समय से कर रहा था। सबसे पहले इस प्रोजेक्ट पर 2006 में बात शुरू हुई थी। उस समय भी प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेजा गया था, लेकिन कुछ आपत्तियों के चलते यह प्रस्ताव उस समय ठंडे बस्ते में चला गया था। उसके बाद करीब दो वर्ष पूर्व तत्कालीन नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के कार्यकाल में प्रोजेक्ट नए सिरे से तैयार किया गया था। पार्क के लिए जरूरी तैयारी पूरी हो गई थी, टेंडर प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही यह कार्य रोक दिया गया था। अबकी बार शासन के निर्देश पर ही नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह की देखरेख में डीपीआर तैयार कराकर भेजी गई थी, शासन ने प्रोजेक्ट पर न केवल मुहर लगा दी है बल्कि फंड की पहली किश्त भी रिलीज कर दी है।

यह सुविधाएं होंगी बायोडायवर्सिटी पार्क में

डीपीआर के मुताबिक बायोडायवर्सिटी पार्क में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, विभिन्न प्रजातियों के फूल, बटरफ्लाई गार्डन, रिसर्च सेंटर, रेस्टोरेंट, लेक, विभिन्न प्रजातियों के औषधीय पौधे, मछली तालाब, कमल पॉंड, फव्वारे और मैदान होगा। नगर निगम, उद्यान प्रभारी, डॉ. अनुज कुमार ने बताया कि पार्क में म्यूजिकल फाउंटेन आकर्षण का केंद्र होंगे। इसके अलावा ऊपर से गुजर रही रेडलाइन मेट्रो, नमो भारत ट्रेन और नई लिंक रोड का फ्लाईओवर इस बेहतर कनेक्टिविटी के साथ अच्छा लुक देने का भी काम कर करेंगे।

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