साइबर ठगों ने निकला ठगी का नया तरीका, इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने के नाम पर कही खाली ना हो जाए आपका बैंक अकाउंट

साइबर ठगों ने लोगों को ठगने का एक नया तरीका तलाश लिया है।

Update: 2022-03-29 06:01 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। साइबर ठगों ने लोगों को ठगने का एक नया तरीका तलाश लिया है। अब ठग मोबाइल और ब्रॉडबैंड की इंटरनेट स्पीड बढ़ाने और 5जी नेटवर्क की सुविधा देने के बहाने लोगों के बैंक खाते खाली कर रहे हैं। गौतमबुद्धनगर में ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस तरह की ठगी से बचने के लिए पुलिस ने भी एडवाइजरी जारी की है।

नोएडा में पिछले दिनों इंटरनेट स्पीड बढ़ाने के नाम पर ठगी करने के कई मामले सामने आए हैं। अधिकतर मामलों में साइबर ठग खुद को किसी मोबाइल या ब्रॉडबैंक सर्विस प्रोवाइडर कंपनी का कर्मचारी बताकर यूजर्स के मोबाइल पर कॉल करते हैं। शातिर मोबाइल और ब्रॉडबैंड पर इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने व मोबाइल नेटवर्क को दुरुस्त करने का झांसा देते हैं। फिर ठग तीन डिजिट के यूनिक नंबर का इस्तेमाल कर यूजर के खाते को खाली कर देते हैं।
जनवरी से मार्च तक सामने आए दो दर्जन मामले : गौतमबुद्धनगर में जनवरी से लेकर 22 मार्च तक ठगी के ऐसे करीब 27 मामले सामने आ चुके हैं। खास बात यह है कि ठगों ने अधिकतर पढ़े-लिखे और नौकरीपेशा लोगों को अपना शिकार बनाया। वहीं, ठगों तक पहुंचना पुलिस के लिए भी चुनौती बना हुआ है। अधिकतर ठग पश्चिम बंगाल, जामताड़ा सहित अन्य जगहों से पीड़ित के मोबाइल पर कॉल करते हैं।
आरोपी किसी अन्य की आईडी पर जारी मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में पुलिस को न तो उनके ठिकाने की सटीक मिलती है और न ही मोबाइल नंबर के आधार पर उनकी सही पहचान होती है। ।
निजी तस्वीर और वीडियो का हो सकता है दुरुपयोग : मोबाइल मैसेजिंग एप पर अगर टू वे वेरिफिकेशन नहीं होता है तो ठग आसानी से यूजर के नंबर से एप अपने मोबाइल पर इंस्टाल कर लेता है। इंस्टालेशन के दौरान बैकअप भी ठग के पास पहुंच जाता है। इससे यूजर्स के निजी तस्वीर और वीडियो भी ठग के पास पहुंच जाती हैं। ठग यूजर की निजी तस्वीर और वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पैसे ऐंठ सकते हैं।
नोएडा में जालसाजी के दो तरीके अपना रहे ठग
यूनिक कोड से फर्जीवाड़ा
1. ठग तीन डिजिट के यूनिक नंबर के साथ पीड़ित को अपना मोबाइल नंबर डायल करने को कहते हैं। यूनिक कोड के कारण पीड़ित का नंबर, ई वॉलेट एवं मैसेजिंग एप की पूरी जानकारी बैकअप के साथ ठग के पास पहुंच जाती है। फिर ठग आसानी से अपने मोबाइल पर पेमेंट वॉलेट और मैसेजिंग एप डाउनलोड कर लेते हैं। मैसेजिंग एप के जरिए भी ठग पीड़ति के परिचितों से अलग-अलग बहाना बनाकर पैसे मंगवा लेते हैं। परिचितों को मैसेज मिलने पर लगता है कि यूजर ने ही भेजा है।
ऑनलाइन फॉर्म भरवाकर ठगी
2. ठग इंटरनेट स्पीड बढ़ाने की बात कहकर यूजर के मोबाइल पर एक लिंक भेजते हैं। लिंक से ऑनलाइन फॉर्म खुलता है। फॉर्म में पीड़ित से खातों, डेबिट-क्रेडिट कार्ड की सूचना भरवा कर ठगी कर लेते हैं।
पिछले दिनों सामने आए मामले
23 मार्च : ब्रॉडबैंड की इंटरनेट स्पीड बढ़ाने का झांसा देकर सेक्टर-50 के रविंद्र अरोड़ा से 40 हजार रुपये की ठगी की
20 मार्च : मोबाइल पर इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने का झांसा देकर सेक्टर 45 निवासी वंदना श्रीवास्तव से 45 हजार ठगे
28 अक्टूबर 2021 : सेक्टर 99 मेें इंटरनेट स्पीड बढ़ाने का झांसा देकर 50 हजार ठगे
ऐसे करें साइबर ठगों से बचाव
● अपने मोबाइल पर टू-वे ऑथेंटिकेशन चालू रखें, ताकि कोई यूनिक कोड के जरिए आपकी कॉल व मैसेज फारवर्ड न कर सकें।
● किसी भी सर्विस प्रोवाइडर का कस्टमर केयर नंबर इंटरनेट से लेने के बाद उसकी जांच कर लें
● इंटरनेट स्पीड और नेटवर्क की समस्या दूर करने का झांसा देने वालों से बचें
एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि इंटरनेट स्पीड बढ़ाने और मोबाइल नेटवर्क की दिक्कत दूर करने से संबंधित कॉल करने वाले लोगों से सावधान रहें। संभव हो तो सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के कार्यालय जाकर शिकायत दर्ज कराएं। इसके बारे में अपने परिजनों और परिचितों को भी सचेत करें।
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