कच्चे तेल का आयात अप्रैल में गिर कर 46 फीसदी के ऑल द टाइम निचले स्तर पर पहुंचा

रूस से खरीद बढ़ने से घट रहा है ओपेक का हिस्सा

Update: 2023-05-09 17:28 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | Crude Oil Import: भारत के कच्चे तेल के आयात में पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) की हिस्सेदारी अप्रैल में घटकर अपने सर्वकालिक निचले स्तर 46 फीसदी पर आ गई है. उद्योग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.

ओपेक… मुख्य रूप से पश्चिम एशिया और अफ्रीका का भारत के कच्चे तेल के आयात में अप्रैल, 2022 में 72 फीसदी हिस्सा था.

ऊर्जा खेप की निगरानी करने वाली ‘वॉर्टेक्सा’ के अनुसार, अप्रैल, 2023 में ओपेक का हिस्सा भारत के आयात में घटकर 46 फीसदी पर आ गया है.

कभी ओपेक का भारत के कच्चे तेल के आयात में 90 फीसदी तक हिस्सा होता था. लेकिन पिछले साल रूस के यूक्रेन पर हमने के बाद रूसी कच्चा तेल रियायती दाम पर उपलब्ध हुआ है. ऐसे में रूस की भारत के कच्चे तेल के आयात में हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है.

कच्चे तेल को रिफाइनरियों में पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों में बदला जाता है. भारत के कुल तेल आयात में लगातार सातवें महीने रूस की हिस्सेदारी एक-तिहाई यानी 33 फीसदी से अधिक रही है.

रूस से आयात अब इराक और सऊदी अरब से सामूहिक खरीद से अधिक हो चुका है. पिछले दशक में ये देश भारत के सबसे बड़े तेल आपूर्तिकर्ता थे.

फरवरी, 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने से पहले भारत के आयात में रूस का हिस्सा एक फीसदी से भी कम था. इस साल अप्रैल में भारत के आयात में रूस का हिस्सा बढ़कर 36 फीसदी या 16.7 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया है.

वॉर्टेक्सा के अनुसार, भारत ने अप्रैल में 46 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया. इसमें ओपेक का हिस्सा 21 लाख बैरल प्रतिदिन रहा. इस तरह भारत के कच्चे तेल के आयात में ओपेक का हिस्सा घटकर 46 फीसदी रह गया है.

ढुलाई की ऊंची लागत की वजह से भारतीय रिफाइनरी कंपनियां पूर्व में यदा-कदा ही रूस का तेल खरीदती थीं. लेकिन अब वे रियायती मूल्य पर उपलब्ध रूसी कच्चे तेल की जमकर खरीद कर रही हैं.

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