कोविन पोर्टल डाटा लीक को लेकर केंद्र सरकार ने सफाई दी है। सरकार का कहना है कि कोविन पोर्टल पूरी तरह से सुरक्षित है और डेटा की सुरक्षा के लिए तरह-तरह के इंतजाम किए जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में डेटा लीक के दावों पर सरकार ने कहा कि यह शरारत के तौर पर किया गया है। सरकार के मुताबिक बिना किसी ठोस सबूत के कोविड वैक्सीन के लाभार्थी के डेटा लीक होने के दावे किए गए। केंद्र ने कहा कि ट्विटर पर कुछ पोस्ट में दावा किया गया है कि कोविन का डेटा टेलीग्राम बॉट से लीक हुआ था। दावा किया गया कि इस टेलीग्राम बॉट पर जिन नागरिकों ने वैक्सीन ली थी, उनकी पर्सनल डीटेल्स बची रहीं। इनमें नागरिकों के नाम, जन्मतिथि, आधार नंबर, पासपोर्ट नंबर जैसी निजी जानकारियां लीक होने का दावा किया गया था।
बिना ओटीपी के डिटेल नहीं निकलेगा
ट्विटर पोस्ट पर दावा किया गया कि किसी भी नागरिक की डिटेल सिर्फ मोबाइल नंबर टाइप करके देखी जा सकती है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कोविन पोर्टल पर मोबाइल नंबर के जरिए रजिस्ट्रेशन होता है। पंजीकृत नंबर पर प्राप्त ओटीपी को दर्ज किए बिना उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत विवरण को नहीं देखा जा सकता है।
कोविन पोर्टल की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोविन पोर्टल पर लोगों के डेटा को सुरक्षित रखने के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कोविन के डेटा को वेब एप्लिकेशन फायरवॉल, एंटी-डीडीओएस, एसएसएल/टीएलएस, उल्लंघन का पता लगाने के लिए नियमित मूल्यांकन, पहचान और एक्सेस प्रबंधन आदि के साथ सुरक्षित रखा जाता है। डेटा केवल ओटीपी के माध्यम से प्रदान किया जाता है। सरकार ने कहा कि कोविन पोर्टल के डेटा की पुख्ता सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।
सीईआरटी-इन जांच करेगा
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) से मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। इसके अलावा मंत्रालय कोविन की मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेगा। फिलहाल कोविन का डेटा तीन तरीकों से निकाला जा सकता है- बेनिफिशियरी डैशबोर्ड, कोविन ऑथराइज्ड यूजर और एपीआई बेस्ड एक्सेस। COWIN की विकास टीम ने पुष्टि की कि कोई सार्वजनिक API नहीं है जहाँ OTP के बिना जानकारी तक पहुँचा जा सके। टेलीग्राम बॉट पर लोगों का डेटा शेयर नहीं किया जा सकता है। टीकाकरण के दौरान केवल वयस्कों के जन्म का वर्ष दर्ज किया गया था। हालांकि, मीडिया पोस्ट ने दावा किया कि नाव पर पूरी जन्म तिथि दिखाई दे रही थी।