Bluetooth: ब्लूटूथ ही क्यों पड़ा नाम? टेक्नोलॉजी नहीं ये है कारण

Update: 2021-04-19 10:20 GMT

Bluetooth टेक्नोलॉजी की वजह से कितने काम आसान हो जाते हैं ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है. ईयरबड्स से लेकर स्पीकर तक को कनेक्ट करने के लिए हमें Bluetooth की जरूरत पड़ती है. Bluetooth ऐसी टेक्नोलॉजी है जो दो से उससे अधिक डिवाइस को कनेक्ट करता है.

क्या आपको पता है Bluetooth का नाम ब्लूटूथ ही क्यों पड़ा? इसको लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की कहानियां चलती रहती है. आपको बता दें कि ब्लूटूथ के नाम के पीछे एक राजा का नाम है. जिसका इस टेक्नोलॉजी से कोई लेना देना नहीं है.
सबसे पहले आपको बता दें कि इस नाम का आईडिया Bluetooth इन्वेंशन टीम का हिस्सा रहे Jim Kardach ने दिया था. Jim Kardach के अनुसार वो किसी हिस्ट्री की बुक को पढ़ रहे थे. उसी बुक के एक किरदार को उन्होंने अपना इंस्पिरेशन माना. उन्हीं की वजह से इस टेक्नोलॉजी का नाम Bluetooth दिया गया.
Bluetooth का नाम 10वीं सदी के डेनमार्क के किंग King Harald Bluetooth के नाम से लिया गया. वो स्कैंडिनेविया राज्य को जोड़ने के लिए काफी फेमस थे. उन्होंने काफी राज्यों को आपस में मिलाया था. स्कैंडिनेविया राज्य में डेनमार्क, नॉर्वे और स्वीडन शामिल हैं.
Bluetooth में हम डिवाइस को आपस में कनेक्ट करते हैं. उसी तरह King Harald Bluetooth भी राज्यों को आपस में कनेक्ट करते थे. इस वजह से Jim Kardach ने इस टेक्नोलॉजी का नाम Bluetooth रखने का सुझाव दिया.
King Harald Bluetooth का नाम ब्लूटूथ क्यो पड़ा वाले सवाल पर कई लोग ये भी कहते हैं कि उनका एक दांत पूरी तरह से डेड था. इस वजह से वो नीला दिखाई पड़ता था. इस वजह इस राजा के नाम में Bluetooth लगाया जाता था.

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