ALERT! कोरोना वैक्सीन रजिस्ट्रेशन ऐप के नाम पर हैकर्स मैलवेयर से कर रहे हमला, गलत फायदा उठाने से पहले पढ़े ये खबर
मैलवेयर से हैकर्स यूजर्स को लगातार टारगेट करते रहते हैं. इसको को लेकर कई जानकारियां सामने आती रहती हैं. अब जो नई जानकारी सामने आई है उसके अनुसार हैकर्स फेक COVID-19 Vaccination रजिस्ट्रेशन ऐप से एंड्रॉयड यूजर्स को टारगेट कर रहे हैं.
यूजर्स के मोबाइल में मैलवेयर को इंस्टॉल करवा दिया जाता है फिर वो यूजर्स के पर्सनल डेटा को कलेक्ट करता रहता है. इस मैलवेयर के वेरिएंट का नाम SMS Worm है. इस मैलवेयर के बारे में साइबर इंटेलिजेंस कंपनी Cyble ने रिपोर्ट किया है.
ये मैलवेयर यूजर्स के कॉन्टैक्ट को फेच कर दूसरे डिवाइस में टेक्सट मेसज के जरिए अपने आप को फैलाता है. टेक्सट मैसेज में ऐप के डाउनलोड का लिंक होता है. जैसे ही यूजर इस लिंक पर क्लिक करते हैं ये मैलवेयर उनके मोबाइल में इंस्टॉल हो कर डिवाइस को इन्फेक्ट कर देता है.
साइबर इंटेलिजेंस कंपनी Cyble इंडिया के रीजनल डायरेक्टर रुचिर वर्मा ने हमें बताया कि कोरोना की वजह से कई देश प्रभावित है. हैकर्स ऐसे देशों को अपना निशाना बना रहे हैं. इस वजह से भारत के यूजर्स को भी निशाना बनया जा रहा है. हैकर्स कोरोना वैक्सीनेशन रजिस्ट्रेशन ऐप के नाम पर लोगों के डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल कर देते हैं. इस वजह से यूजर्स की सारी सेंसिटिव इनफार्मेशन हैकर्स तक पहुंच जाती हैं. जिसका गलत फायदा वो उठाते हैं.
उन्होंने बताया इससे कितने लोग इन्फेक्टेड हुए हैं ये डेटा अभी तक सामने नहीं आया है. हालंकि उनका अनुमान है इससे लाखों लोग प्रभावित हुए हैं. जिन्हें कोरोना वैक्सीनेशन ऐप के नाम पर हैकर्स अपना शिकार बना चुके हैं. ये मैलवेयर यूजर्स के डेटा को अपने आप डिलीट या एक्सपोज कर सकता है.
COVID-19 Vaccination Registration ऐप के नाम पर कई फेक ऐप बनाए गए हैं. इन ऐप्स में मैलवेयर छिपे होते हैं. ये मैलवेयर यूजर्स को टारगेट कर उनका पर्सनल डेटा कलेक्ट करता है. इसकी वजह से यूजर्स अगर ऑनलाइन शॉपिंग या बैंक से जुड़े कामों को करते हैं तो उनके बैंक डिटेल्स भी हैकर्स तक पहुंच जाते हैं. इससे यूजर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
रुचिर वर्मा ने इससे बचने के लिए कुछ उपायों को भी बताया है. उनके अनुसार यूजर्स को अपने मोबाइल में हमेशा गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से ही ऐप इंस्टॉल करने चाहिए. ऐप डाउनलोड करने से पहले इसके डेवलपर्स को जरूर चेक करना चाहिए.
कई बार किसी बड़े ब्रांड की तरह दिखने वाले ऐप में लोगो या स्पेलिंग में थोड़ा सा बदलाव करके लोगों को इसे इंस्टॉल करने के लिए कहा जाता है. ऐसे ऐप्स में मैलवेयर होते हैं. इसे भूल कर भी डाउनलोड नहीं करें.