भारत में आएगा 5G नेटवर्क, बदलेगी इंटरनेट की दुनिया, जानिए कैसे करेगा काम और कितनी तेज मिलेगी स्पीड?
अभी हाल में ही खबर आई थी भारत सरकार ने 5G ट्रायल की अनुमति दे दी है. इसके लिए टेलीकॉम कंपनियों को जल्द ही स्पेक्ट्रम उपलब्ध करवाया जाएगा. 5G सेलुलर टेक्नोलॉजी में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है. ये 4G नेटवर्क का अगला वर्जन है. 5G में यूजर्स को ज्यादा स्पीड, कम लेटेंसी और ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी देखने को मिलेगा. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
पहले के सेलुलर टेक्नोलॉजी कनेक्टिविटी पर फोकस करते थे. 5G सेलुलर टेक्नोलॉजी इसमें एक कदम आगे बढ़ कर क्लाउड से क्लाइंट को कनेक्ट करेगा. 5G एक नए प्रोसेस के जरिए वन सिंगल डिजिटल सिग्नल को डिफरेंट चैनल्स में रेगुलेट करेगा. इस प्रोसेस को OFDM कहा जाता है. OFDM ये सुनिश्चित करता है सिग्नल में कम से कम इंटरफेरेंस हो.
5G नेटवर्क 4G के स्पेक्ट्रम को को कवर नहीं करेगा. ये इसके लिए 5GNR (न्यू रेडियो) एयर इंटरफेस का उपयोग करेगा. इसके अलावा ये ज्यादा बैंडविथ वाले टेक्नोलॉजी जैसे mmWave और sub-6 GHz बैंड्स को यूज करेगा.
इंटरनेट स्पीड के हिसाब से बात करें तो 5G की स्पीड 4G से काफी ज्यादा होगी. 4G की पीक स्पीड 1 GBPS तक है. वहीं, 5G की पीक स्पीड की बात करें तो ये 20 GBPS तक है. इस स्पीड को पाने के लिए 5G सभी तरह के स्पेक्ट्रम को यूज करता है.
इन स्पेक्ट्रम में लॉ बैंड, मिड बैंड और हाई बैंड तीनों ही शामिल हैं. इस वजह से ये सिर्फ हाई स्पीड कनेक्शन ही नहीं बल्कि ज्यादा कवरेज भी देता है. 5G को इस तरह बनाया गया है ये 4G नेटवर्क से 100 गुना ज्यादा ट्रैफिक देता है. 5G में लेटेंसी भी कम देखने को मिलेगा. इसमें लेटेंसी 1 ms तक जा सकता है.
स्पीड के अलावा भी 5G कई जगह काम आने वाला है. इससे कनेक्टिविटी भी काफी बढ़िया होने वाला है. 5G टेक्नोलॉजी से ड्राइवरलेस कार, हेल्थकेयर, वर्चुअल रियल्टी, क्लाउड गेमिंग के लिए भी नए रास्ते खोलेगा. Qualcomm के अनुसार 5G अभी तक 13.1 ट्रिलियन डॉलर ग्लोबल इकोनॉमिक आउटपुट दे चुका है. इससे दुनियाभर में 22.8 मिलियन जॉब्स क्रिएट हुआ है.