खेल: भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा ने फिडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में वर्ल्ड नंबर-3 फाबियानो करूआना पर यागदार जीत दर्ज की. बाकू में खेले जा रहे टूर्नामेंट की बात करें, तो प्रज्ञानानंदा फाइनल में 5 बार के चैंपियन नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन के सामने उतर रहे हैं. दोनों के बीच पहला मुकाबला बराबरी पर खत्म हुआ. आज यानी 23 अगस्त को नए चैंपियन पर फैसला होगा. 18 साल के प्रज्ञानानंदा पूर्व दिग्गज विश्वानथन आनंद के बाद टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाने वाले पहले भारतीय हैं. आनंद ने प्रज्ञानानंदा की जीत को ऐतिहासिक बताया है.
विश्नाथन आनंद ने कहा कि आर प्रज्ञानानंदा मेरे बाद वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय हैं. गुकेश 37 साल बाद रेटिंग सूची में मुझसे ऊपर जाने वाले पहले भारतीय थे. अगर प्रज्ञानानंदा जीतते हैं, तो वह उनसे ऊपर जा सकते हैं. ऐसे में मेरे 3 रिकॉर्ड सिर्फ एक टूर्नामेंट में टूट जाएंगे. मालूम हो कि 20वीं बार प्रज्ञानानंदा और मैग्नस कार्लसन एक-दूसरे के खिलाफ उतरेंगे.
अपने खेल में किया बदलाव
विश्वनाथन आनंद ने कहा कि मैग्नस कार्लसन पहली बार इस वर्ल्ड कप खिताब को जीतने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में प्रज्ञानानंदा को चुनौती मिलेगी. ऐसे में आप सिर्फ अच्छी चाल से नहीं जीतोगे. उन्होंने कहा कि प्रज्ञानानंदा ने अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है. जून के बाद से वह उस खिलाड़ी के विपरीत खेल रहा है, जिसे हम पहले से जानते थे, जो पहले से ही दुनिया की सबसे होनहार प्रतिभाओं में से एक था. लेकिन मैग्नस कार्लसन भी अपना सर्वश्रेष्ठ खेल रहे हैं.
विश्वनाथन आनंद ने बताया कि आर प्रज्ञानानंदा पहले भी मैग्नस कार्लसन को हरा चुके हैं. इससे भी उन्हें मदद मिलेगी. वह जानता है कि मैग्नस को हराना संभव है. मैग्नस का सामना करने वाले बहुत से लोग यह भी निश्चित नहीं हैं कि क्या संभव है. उन्होंने कहा कि मैग्नस कार्लसन भी पिछले मैचों के कारण सतर्क रहेंगे. प्रज्ञानानंदा और मैंने कार्लसन के बारे में कई बार चर्चा की है. जब मैं बाकू में था, तब हमने बात की थी, लेकिन मैंने उसे अकेला छोड़ दिया, क्योंकि उसके लिए ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण था. आनंद ने कहा कि अंतर केवल तकनीकी नहीं होगा. यह मानसिक भी होगा. क्या प्राग इतना मजबूत है? उन्होंने कहा दबाव से निपटना अहम होगा और गलतियां भी खूब होंगी.
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विश्नाथन आनंद ने कहा कि प्रज्ञानानंदा की यात्रा बेहद शानदार रही है. लोग उसे पसंद करने लगते हैं. कुछ लोगों ने मजाक में कहा कि वह नए भारतीय हैं, लेकिन उनके नाम में अभी भी ‘आनंद’ लगा हुआ है. प्रज्ञानानंदा काफी पॉपुलर है और अधिकांश खिलाड़ी उनसे बहुत प्यार करते हैं. आप उनकी मां और बहन को देखते हैं, तो आपको पूरी फैमिली के बारे में अंदाजा लग जाता है.