शुक्र नीति : इन बातों का नहीं करना चाहिए दूसरों से जिक्र, वरना हो सकता है नुकसान

आचार्य शुक्राचार्य द्वारा बताई गई बातों में समाज कल्‍याण से लेकर व्‍यक्ति के आचार-व्‍यवहार तक से जुड़ी हुई बातें शामिल है

Update: 2021-05-19 04:52 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |   आचार्य शुक्राचार्य द्वारा बताई गई बातों में समाज कल्‍याण से लेकर व्‍यक्ति के आचार-व्‍यवहार तक से जुड़ी हुई बातें शामिल हैं. शुक्र नीति के मुताबिक व्‍यक्ति को अपनी कुछ खास बातें हमेशा छिपाकर ही रखनी चाहिए, वरना इन बातों के उजागर होने से बड़ा नुकसान  हो सकता है. कई बार इन बातों के सामने आने से आपकी प्रतिष्‍ठा भी धूमिल हो सकती है. आज जानते हैं वे बातें जिनका राज रहना ही बेहतर होता है

घर के भेद: अपने घर-परिवार की बातें अपने परिजनों तक ही सीमित रखें. दोस्‍तों, पड़ोसियों, रिश्‍तेदारों या अन्‍य लोगों तक घर के भेद पहुंचना आपके मान-सम्‍मान पर नकारात्‍मक असर डाल सकते हैं या वे इनके जरिए आपको कोई नुकसान पहुंचा सकते हैं
आयु: वैसे तो आचार्य शुक्र ने जिस समय में अपनी आयु हर किसी को न बताने की सलाह दी गई थी, उसके अलग कारण रहे होंगे. वहीं आज के समय में साइबर क्राइम आदि के चलते अपनी जन्‍म तारीख, वर्ष छुपाकर रखना ही बेहतर है.
धन-दौलत: जिंदगी जीने के लिए पैसा-संपत्ति बहुत जरूरी है लेकिन यह कई बार मुसीबत में भी डाल देती है. लिहाजा शुक्र नीति में कहा गया है कि धन के मामलों को जितना गुप्‍त रखा जाए, उतना ही बेहतर है.
औषधि: डॉक्‍टर आपके हर मर्ज को जानता है और आपकी कई निजी बातें भी जानता है. ऐसे में कोशिश करें कि आपकी इन निजी बातों का अन्‍य किसी को न पता चले.
मंत्र: व्‍यक्ति को अपना दान-धर्म, पूजा-पाठ गुप्‍त ही रखना चाहिए. भगवान और इंसान के बीच के जुड़ाव के इस विषय को गुप्‍त ही रखना चाहिए. शुक्र नीति (Shukra Niti) के मुताबिक खासकरके जो मंत्र गुरु ने दिया हो, उसे किसी को भी नहीं बताना चाहिए, वरना इससे उस मंत्र के जाप का फल नहीं मिलता है.
अपमान: जिस तरह अपने मान-सम्‍मान का दिखावा नहीं करना चाहिए, उसी तरह अपने अपमान की बातें भी किसी को नहीं बतानी चाहिए. वरना लोग उनका जिक्र गलत जगहों पर करके आपकी प्रतिष्‍ठा धूमिल कर सकते हैं और आपका मजाक बना सकते हैं.


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