ईडन गार्डन में इस बड़ी वजह से खत्म होगी कोहली की 'विराट' पारी की तलाश

एशियाई क्रिकेट का मक्का कहा जाने वाला कोलकाता का ईडन गार्डन स्टेडियम खराब फार्म से जूझने वाले बल्लेबाजों के लिए हमेशा भाग्यशाली रहा है।

Update: 2022-02-15 05:09 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एशियाई क्रिकेट का मक्का कहा जाने वाला कोलकाता का ईडन गार्डन स्टेडियम खराब फार्म से जूझने वाले बल्लेबाजों के लिए हमेशा भाग्यशाली रहा है।इस ग्राउंड ने बहुतों को उसका खोया फार्म लौटाया है और करियर लंबा करने में मदद की है। इनमें देश-विदेश के बहुत से बल्लेबाज शामिल हैं। भारत के मुहम्मद अजहरुद्दीन व वीवीएस लक्ष्मण और पाकिस्तान के यूनुस खान समेत ऐसे कई उदाहरण हैं।

अजहरुद्दीन का बल्ला कहीं चले या न चले, ईडन में खूब चलता था। उन्होंने जब भी फार्म खोया तो ईडन आकर ही इसे वापस पाया। ईडन में टेस्ट मैचों में अजहरुद्दीन ने पांच शतक लगाए हैं। वहीं लक्ष्मण को तो ईडन ने ही टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर स्थापित किया था। उन्होंने 2001 में इसी ग्राउंड में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 281 रनों की नायाब पारी खेली थी। उनके भी यहां पांच टेस्ट शतक हैं। ऐसे में क्या कोहली की 'विराट' पारी की तलाश ईडन में खत्म होने वाली है?
गौर करने वाली बात यह है कि कोहली अपना पिछला अंतरराष्ट्रीय शतक इसी ग्राउंड में लगाकर गए थे। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ नवंबर, 2019 में हुए देश के पहले डे-नाइट टेस्ट में पिछली बार शतक लगाया था। उसके बाद से शतकों का सूखा जारी है। भारत-वेस्टइंडीज के बीच तीन टी-20 मैचों की सीरीज बुधवार से शुरू होने जा रही है, ऐसे में सबकी नजर खराब फार्म से जूझ रहे कोहली पर होगी।
यूं तो टी-20 मैचों में शतक लगाना आसान नहीं होता, लेकिन जिस मैदान में श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच में अकेले रोहित शर्मा 264 रन बना सकते हैं, वहां यह नामुमकिन नहीं है और सामने विराट जैसा विश्व स्तरीय बल्लेबाज हो तो यह समय की ही बात होगी। टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर ने यह कहकर इस बात को और बल देने की कोशिश की है कि विराट शतक से ज्यादा दूर नहीं हैं। वैसे ईडन अब तक अंतरराष्ट्रीय टी-20 शतक से वंचित रहा है। विराट की बात करें तो वह यहां टेस्ट में दो व वनडे में एक शतक जड़ चुके हैं।
मेरिट पर चलता है ईडन का विकेट : सुजन
ईडन के क्यूरेटर सुजन मुखर्जी कहते हैं कि यहां का विकेट खिलाड़ियों की प्रतिभा के साथ पूरा न्याय करता है। यह जितना बल्लेबाजों के माकूल है, उतना ही गेंदबाजों के अनुकूल भी है, यानी पूरी तरह मेरिट पर चलता है। किसी के साथ पक्षपात नहीं करता। यहां बल्लेबाजों को जैसी सफलता मिली है, वैसी गेंदबाजों को भी मिली है। बस आपको अपना नैसर्गिक खेल दिखाना होगा।
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