निशानेबाज मुंखबयार दोर्जसुरेन को राष्ट्रीय पिस्टल टीम का मुख्य विदेशी कोच किया नियुक्त
भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने मंगलवार को दो बार ओलंपिक पदक जीत चुकी निशानेबाज मुंखबयार दोर्जसुरेन को राष्ट्रीय पिस्टल टीम का मुख्य विदेशी कोच नियुक्त किया।
भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने मंगलवार को दो बार ओलंपिक पदक जीत चुकी निशानेबाज मुंखबयार दोर्जसुरेन को राष्ट्रीय पिस्टल टीम का मुख्य विदेशी कोच नियुक्त किया। दोर्जसुरेन को कोरिया के चांगवोन में नौ जुलाई से शुरू हो रहे आईएसएसएफ विश्व कप से पहले कोच पद के लिए चुना गया। पेरिस ओलंपिक की तैयारियों के लिए भारत शूटिंग की अलग-अलग स्पर्धाओं में विदेशी कोच नियुक्त कर रहा है।
अनुभवी मुंखबयार मंगोलिया की रहने वाली हैं। उन्होंने 1992 बार्सिलोना और 2008 बीजिंग ओलंपिक दोनों में 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। मुंखबयार ने भारतीय निशानेबाज राही सरनोबत को भी प्रशिक्षित किया था, जिन्होंने 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। सरनोबत यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय निशानेबाज बनी थीं।
एनआरएआई के अधिकारियों के अनुसार, मुंखबयार को उनके अनुभवों, खेल की उनकी समझ और नवोदित निशानेबाजों के लिए एक शानदार संरक्षक के रूप में उनकी विश्वव्यापी प्रतिष्ठा के कारण नियुक्त किया गया था। एनआरएआई के महासचिव कंवर सुल्तान सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ''मुंखबयार के पास अनुभव का खजाना है। हमने 2024 में अगले ओलंपिक खेलों को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक दीर्घकालिक अनुबंध दिया है।''
एक विदेशी पिस्टल कोच नियुक्त करने का निर्णय एनआरएआई द्वारा राइफल स्पर्धा में थॉमस फार्निक को विदेशी कोच के रूप में नियुक्त करने के कुछ दिनों बाद आया। 1992 से 2012 तक लगातार छह ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले 55 वर्षीय फार्निक पहले ही भारतीय टीम में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने मुख्य कोच जॉयदीप कर्माकर और सुमा शिरूर के साथ निशानेबाजों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है।
इसी तरह, भारतीय शॉटगन टीम में भी महान ऑस्ट्रेलियाई रसेल मार्क को विदेशी कोच के रूप में शामिल किया गया है। इसके अलावा मुख्य कोच विक्रम चोपड़ा और श्रेयन कपूर क्रमशः ट्रैप और स्कीट में शामिल हैं। 58 वर्षीय रसेल 1996 अटलांटा ओलंपिक में स्वर्ण पदक और 2000 सिडनी खेलों में रजत पदक विजेता हैं। उनके पास छह ओलंपिक में खेलने का अनुभव है।
नए मुख्य राइफल कोच जॉयदीप कर्माकर ने कहा- बेहतरीन गुणवत्ता वाले विदेशी कोचों को नियुक्त करने का एनआरएआई का निर्णय इस बात को दर्शाता है कि भारत पेरिस में अगले ओलंपिक खेलों से पहले निशानेबाजी को कितनी गंभीरता से ले रहा है।