सरिता मोर ने जीता स्वर्ण पदक, सीमा और पूजा की झोली में कांस्य
नयी दिल्ली में 2020 चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली सरिता फाइनल में मंगोलिया की शूवदोर बातरजाव से 1-7 से पिछड़ रही थीं
भारतीय पहलवान सरिता मोर ने गुरूवार को फाइनल में शानदार वापसी करते हुए एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में लगातार नौ अंक हासिल कर 59 किग्रा में अपना खिताब बरकरार रखा जबकि सीमा बिस्ला (50 किग्रा) और पूजा (76 किग्रा) ने महाद्वीपीय चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत लिए।
नयी दिल्ली में 2020 चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली सरिता फाइनल में मंगोलिया की शूवदोर बातरजाव से 1-7 से पिछड़ रही थीं लेकिन उन्होंने बेहतरीन वापसी की और स्कोर 7-7 से बराबर करते हुए 10-7 से जीत हासिल की।सरिता इसी मंगोलियाई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ शुरूआती मुकाबले में 4-5 के अंतर से हार गयी थीं लेकिन उन्होंने अगले दौर में कजाखस्तान की डायना कायुमोवा के खिलाफ शानदार वापसी की और पहले पीरियड में तकनीकी श्रेष्ठता से जीत हासिल की।
सरिता कजाखस्तान की पहलवान के खिलाफ काफी आक्रामक रहीं और उन्होंने प्रतिद्वंद्वी को गिराने के बाद उसका गला जकड़ लिया। इसके बाद उन्होंने किर्गिस्तान की नूरेडा अनारकुलोवा के खिलाफ सेमीफाइनल में भी शुरू से ही आक्रामकता जारी रखी और फाइनल में जगह बनाई।
वहीं 50 किग्रा की स्पर्धा में सीमा की शुरूआत काफी खराब रही जिसमें वह कजाखस्तान की वेलेंटिना इवानोवना के खिलाफ शुरूआती मुकाबला गंवा बैठीं लेकिन उन्होंने भी अगले दौर में मंगोलिया की एनुदारी नंदिंतसेतसेग के खिलाफ शानदार वापसी की और 7-3 से जीत दर्ज की।
उन्हें सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान की जैस्मिना इमाएवा से कड़ी चुनौती मिली जिसमें वह 2-3 से हार गयीं। पर इस भारतीय खिलाड़ी ने फिर ताइपे की यंग सुन लिन को तकनीकी श्रेष्ठता से हराकर कांस्य पदक जीत लिया।
वहीं 76 किग्रा वजन वर्ग में पूजा ने कोरिया की सियोयिओन जियोंग के खिलाफ 2-0 की जीत से शुरूआत की और इसके बाद उन्होंने उज्बेकिस्तान की ओजोडा जारीपबोएवा को भी हरा दिया। हालांकि सेमीफाइनल में वह कजाखस्तान की एलमिरा सिजडिकोवा की बराबरी नहीं कर सकीं और हार गयी। लेकिन उन्होंने कोरिया की सेयियोन जियोंग पर 5-2 की जीत से कांस्य पदक अपने नाम किया।
निशा को 68 किग्रा वर्ग के दोनों शुरूआती मुकाबलों में हार से बाहर होना पड़ा। वह कोरिया की युन सुन जियोंग से हारने के बाद मंगोलिया की डेलगेरमा एंखसाईखान से पराजित हो गयीं।