पैरालंपिक गेम्स में प्रवीण कुमार ने महज 18 साल की उम्र में रचा इतिहास, इस बात को बनाया है अपनी असल ताकत

टोक्यो में जारी पैरालंपिक गेम्स में भारत का शानदार प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. शुक्रवार का दिन भारत के लिए बेहद अच्छा रहा है.

Update: 2021-09-03 05:34 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। टोक्यो में जारी पैरालंपिक गेम्स में भारत का शानदार प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. शुक्रवार का दिन भारत के लिए बेहद अच्छा रहा है. शुक्रवार को भारत की झोली में एक और सिल्वर मेडल आया है. प्रवीण कुमार ने हाई जंप T64 इवेंट में भारत को ना सिर्फ मेडल दिलाया बल्कि वह इतिहास रचने में भी कामयाब हो गए हैं.

प्रवीण कुमार उत्तर प्रदेश को गौतम बुद्ध जिले के रहने वाले हैं. प्रवीण कुमार ने महज 18 साल की उम्र में ही पैरालंपिक गेम्स में भारत को सिल्वर मेडल दिलाया है. प्रवीण कुमार का जन्म 15 मई 2003 को हुआ था. प्रवीण कुमार को पैरालंपिक गेम्स की शुरुआत से ही मेडल का तगड़ा दावेदार माना जा रहा है.
प्रवीण कुमार करोड़ो भारतीयों की उम्मीदों पर पूरी तरह से खरे उतरे. इंटरनेशनल गेम्स में डेब्यू करने के दो साल बाद ही प्रवीण कुमार भारत के नए सितारे बनकर उभरे हैं. प्रवीण कुमार ने शुक्रवार को खेले गए फाइनल में अपने हर प्रयास के साथ प्रदर्शन में सुधार किया. अपने तीसरे प्रयास में प्रवीण कुमार ने 2.06 मीटर की छलांग लगाकर भारत की झोली में सिल्वर मेडल डाल दिया.
एशियन रिकॉर्ड तोड़ा
प्रवीण कुमार अब T64 इवेंट में सबसे ऊंची छलांग लगाने वाले एशियाई खिलाड़ी बन गए हैं. अपने तीसरे प्रयास में 2.06 मीटर की छलांग लगाकर प्रवीण कुमार ने एशियन रिकॉर्ड को अपने नाम किया है.
यह पहला मौका नहीं है जब प्रवीण कुमार चर्चा में आए हैं. इससे पहले प्रवीण कुमार 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी कमाल कर चुके हैं. वर्ल्ड चैंपियनशिप में प्रवीण कुमार को चौथा स्थान मिला था, लेकिन 16 साल की उम्र में ही ऐसा कारनामा करने की वजह से प्रवीण कुमार को काफी सराहा गया.
बता दें कि प्रवीण कुमार का एक पैर छोटा है और इसी को प्रवीण कुमार अब अपनी ताकत बना चुके हैं. प्रवीण कुमार ने वाहर लाल नेहरू स्टेडियम में कोच सत्यपाल सिंह के अंडर में ट्रेनिंग लेकर हाई जंप में महारत हासिल की है. अपने करियर के शुरुआती दिनों में प्रवीण कुमार वॉलीबॉल में भी हाथ आजमा चुके हैं.


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