हरियाणा सरकार का फरमान सुनकर बौखलाए खिलाड़ी, टोक्यो जाने से पहले मांगा शपथपत्र
हरियाणा सरकार के खेल मंत्रालय ने गुरुवार को टोक्यो (Tokyo Olympic 2020) जाने वाले खिलाड़ियों से एक खास शपथपत्र मांगा है
हरियाणा सरकार के खेल मंत्रालय ने गुरुवार को टोक्यो (Tokyo Olympic 2020) जाने वाले खिलाड़ियों से एक खास शपथपत्र मांगा है जो चर्चा में आ गया है. यह कानूनी एफेडेविट की तरह होगा जिसपर फर्स्ट क्लास मैजिस्ट्रेट का स्टैंप लगा होना चाहिए. इस एफिडेविट में मांगी गई जानकारियों के कारण यह चर्चा में आ गया है. सरकार ने खिलाड़ियों से कई निजी जानकारी के साथ-साथ सरकार की रखी शर्त को भी मान्य करने को कहा है. खिलाड़ियों से मांगा गया शपथ पत्र कई लोगों को मान्य नहीं है.
राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए ओलिंपिक क्वालिफाई करने वाले खिलाड़ियों (Olympic qualifiers) को हरियाणा सरकार ने तैयारी के लिए पांच-पांच लाख रुपये की राशि एडवांस देने की घोषणा की थी. इस राशि को 'प्रीपेशन मनी' यानी तैयारी के लिए खर्च की जाने वाली राशि का नाम दिया गया है था. हालांकि ऐसा हुआ नहीं, स्टार बॉक्सर अमित पंघाल को छोड़कर किसी को भी यह राशि मिली नहीं है.
खिलाड़ियों को देना होगा शपथपत्र
अब खेल विभाग की तरफ से खिलाड़ियों से एक शपथ-पत्र मांगा गया है, जो उन्हें जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी को भरकर देना होगा. इस शपथ पत्र में खिलाड़ी को अपना नाम, गांव व जिला का नाम, इवेंट की जानकारी देनी होगी. खिलाड़ी को डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव मिलने, किसी अपराधिक व यौन शोषण मामले में दोषी पाए जाने पर सरकार को एडवांस में ली गई पांच लाख रुपये की राशि खेल विभाग व राज्य सरकार को वापस लौटानी पड़ेगी. शपथ-पत्र तहसीलदार द्वारा सत्यापित करवाना होगा. लेकिन अधिकतर खिलाड़ी ओलंपिक की तैयारियों को लेकर या तो विदेश में हैं या नेशनल कोचिंग कैंप में गए हुए हैं.
अब तक हरिय़ाा से 19 खिलाड़ी ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं. कई खिलाड़ियों ने इस तरह के शपथपत्र की निंदा की है. रेसवॉकर संदीप पूनिया कहा कहना है कि वह भारत के एथलीट हैं अपराधी नहीं. कई महिलाओं ने भी ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया है उनका इस तरह की जानकारी देना सही नहीं है. एक रेसलर ने कहा कि जिस तरह की जानकारी मांगी गई है, उससे वह अपने परिवार के सामने शर्मिंदा महसूस कर रही थी.