75 इंटरनेशनल मैच खेले, अब घर चलाने को कर रहा कारपेंटर का काम
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम में खेल चुका एक क्रिकेटर अब कारपेंटर यानी बढ़ई का काम सीख रहा है
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम में खेल चुका एक क्रिकेटर अब कारपेंटर यानी बढ़ई का काम सीख रहा है. ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (Australian Cricketers Association) ने कारपेंट्री का काम सीखते जेवियर डोहर्टी (Xavier Doherty) का वीडियो पोस्ट किया. इसमें वे एक बिल्डिंग साइट पर लकड़ी का काम करते देखे जा सकते हैं. स्पिन गेंदबाज रहे डोहर्टी ने ऑस्ट्रेलिया के चार टेस्ट, 60 वनडे और 11 टी20 मुकाबले खेले. वे साल 2015 में वर्ल्ड कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के सदस्य भी रहे. उन्होंने साल 2017 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. अब वे लकड़ी का काम सीख रहे हैं.
डोहर्टी ने कहा कि जब उन्होंने क्रिकेट छोड़ा था तब सोचा नहीं था कि आगे चलकर क्या करेंगे. ऐसे में शुरू के 12 महीने तक तो उन्हें जो भी काम मिला उन्होंने वह किया. इसके तहत लैंडस्केपिंग,ऑफिस का काम और कुछ क्रिकेट का काम भी किया. इसके बाद फिर कारपेंट्री का काम सीखने में लग गया. इसके तहत तीन-चौथाई प्रशिक्षण पूरा हो चुका है. डोहर्टी ने कहा, 'जब क्रिकेट पूरा हो जाता है तो आपको पता चलता है कि अब पैसे कैसे आएंगे. दिमाग में बातें चलती हैं कि आगे क्या होगा. जिंदगी कैसी रहेगी. ऐसे में प्लेयर डवलपमेंट मैनेजर्स के होने से आपको आगे का रास्ता मिलता है. ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन की ट्रांजिशन मैनेजर कार्ला ने फोन पर मदद की. साथ ही पढ़ाई-लिखाई के लिए पैसे भी मिले. इससे आर्थिक मदद मिली और मेरा खर्चा भी कुछ कम हो गया.'
ऐसा रहा डोहर्टी का करियर
डोहर्टी ने ऑस्ट्रेलिया के लिए चार टेस्ट में सात, 60 वनडे में 55 और 11 टी20 मैच में 10 विकेट लिए. वहीं 71 फर्स्ट क्लास मैच में उन्होंने 163, 176 लिस्ट ए मैच में 190 और 74 टी20 मैच में 62 विकेट लिए थे. उन्होंने 19 साल की उम्र में तस्मानिया के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कदम रखा था. फिर 2010 में वे ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल हो गए थे. श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने पहला वनडे मैच खेला था. इसके बाद ब्रिस्बेन में इंग्लैंड के खिलाफ एशेज सीरीज से टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा. लेकिन कुछ कामयाबी मिली नहीं. वनडे में उन्हें बनिस्बत ज्यादा मौके मिले और वे थोड़े कामयाब भी रहे. वे 2011 का वर्ल्ड कप भी खेलने वाले थे लेकिन पीठ दर्द की वजह से नहीं खेल पाए.