पुरुष मुक्केबाज अमित पंघाल ने लगातार दूसरी बार बनाई फाइनल में जगह
मैरी कॉम भी फाइनल में
टोक्यो ओलिंपिक खेलों (Tokyo Olympic) में भारत की पदकों की उम्मीदों में से एक पुरुष मुक्केबाज अमित पंघाल (Amit Panghal) ने एशियाई चैम्पियनशिप (Asian Bpxing Championship) में शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए फाइनल में प्रवेश कर लिया है. मौजूदा विजेता पंघाल लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचे हैं. टॉप सीड पंघाल का सेमीफाइनल में सामना तीसरे सीड कजाकिस्तान के साकेन बिबोसिनोव से था. पंघाल ने 5-0 के अंतर से जीत हासिल करते हुए खिताबी मुकाबले में जगह बनाई. पंघल ने 2019 विश्व चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में भी साकेन को हराया था. अमित पंघाल का फाइनल में सामना मौजूदा ओलिंपिक और विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के शाखोबिदिन जोइरोव से सोमवार को होगा. साल 2019 के फाइनल में भी दोनों के बीच खिताबी भिड़ंत हुई थी.
इस जीत के साथ पंघाल ने अपने लिए कम से कम रजत पदक सुरक्षित कर लिया है. मजेदार बात यह है कि एशियाई चैम्पियनशिप में पंघल तीनों रंगों के पदकों पर कब्जा कर चुके हैं. 2017 में ताशकंद में पंघाल ने लाइट फ्लाइवेट कैटेगरी में हिस्सा लेते हुए कांस्य जीता था. 2019 में बैंकॉक में पंघाल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था.
मैरी कॉम भी फाइनल में
इससे पहले, छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम (51 किलोग्राम भारवर्ग) ने गुरुवार को भारत की तीन और भारतीय महिला मुक्केबाजों- पूजा रानी (75 किलोग्राम भारवर्ग) अनुपमा (81+ किलोग्राम भारवर्ग) और लालबुतसाही (64 किलोग्राम भारवर्ग) के साथ टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया. गत चैंपियन पूजा को मंगोलिया की मुंखबत के खिलाफ वॉक-ओवर मिला जबकि गुरुवार की देर रात खेले गए अन्य अंतिम -4 मुकाबलों में कुवैत की नूरा अलमुतारी द्वारा भारतीय के लगातार हमलों के कारण दूसरे राउंड में ही बाउट को छोड़ने के बाद लालबुत्साईही को विजेता घोषित किया गया था. अनुपमा (+81 किलोग्राम भारवर्ग) ने भी उज्बेकिस्तान की मोखिरा अब्दुल्लाएवा के खिलाफ जीत हासिल की.
साक्षी चौधरी का फैसला पलटा
इस बीच, 54 किलोग्राम भारवर्ग में एक काफी दुखद: घटना हुई. दो बार की युवा विश्व चैंपियन साक्षी चौधरी, जिन्हें शुरू में विजेता घोषित किया गया था, को फाइनल से हटना पड़ा. उनकी प्रतिद्वंद्वी दीना जोलामन द्वारा अंतिम राउंड के फाइट की समीक्षा करने की अपील के बाद साक्षी को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा क्योंकि जूरी ने कजाखिस्तान की मुक्केबाज के दावे को बरकरार रखा और उसके पक्ष में परिणाम दिया.
सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा) मोनिका (48 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) अन्य महिला मुक्केबाज हैं जिन्हें अपने-अपने वर्ग में संघर्ष के बाद सेमीफाइनल में हार मिली और इस तरह इन चारों को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.
भारत का अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
इस प्रतिष्ठित आयोजन में भारत अब 15 पदक सुरक्षित कर चुका है. यह इस चैम्पियनशिप में भारतीय दल का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है. बैंकॉक में 2019 मे आयोजित संस्करण से भारत ने कुल 13 पदक हासिल किए थे, जिनमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक थे. भारत तीसरे स्थान पर रहा था.