ललित मोदी इंटरव्यू IPL में आएगा रोमांच' 30 गज का घेरा होगा छोटा

ललित मोदी को लगता है कि उनका लॉन्च किया हुआ इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का विकास रुक गया है

Update: 2021-12-16 18:21 GMT

कैसर मोहम्मद अली

ललित मोदी को लगता है कि उनका लॉन्च किया हुआ इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का विकास रुक गया है और टी20 फॉरमेट में वैश्विक लीडर बने रहने के लिए इसमें थोड़ा नयापन लाने की जरूरत है. ललित मोदी का सुझाव है कि इसके लिए 30-गज के इनर सर्किल को और छोटा किया जाना चाहिए जिससे खेल में उत्साह आए. लंदन में रहने वाले ललित मोदी ने ये भी सिफारिश की है कि आईपीएल को वैश्विक रूप देने के लिए इसका आयोजन अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में भी होना चाहिए. इसके लिए वो चाहते हैं कि फ्रेंचाइजी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के सदस्य देशों से खिलाड़ियों को अनिवार्य रूप से चुना जाए.
IPL के पहले कमिश्नर ललित मोदी ने 'TV9 को एक विशेष इंटरव्यू में बताया, "IPL को अगले स्तर पर ले जाने की जरूरत है. यह केवल एक लीक पर चल रहा है. 2010 में मेरे इंग्लैंड जाने के बाद निर्णय लेने वाले लोग बगैर जोखिम उठाए बस सेफ गेम खेल रहे हैं. इसमें कोई नयापन नहीं आया है. किसी स्पोर्ट को टूर्नामेंट में विश्व का लीडर बनने के लिए कई चीजों की जरूरत होती है. आईपीएल में लगातार नयापन मेरा मंत्र था. हमें इसे बेहतर, बड़ा और ज्यादा मनोरंजक बनाते रहना है."
पूर्व क्रिकेट प्रशासक ने अपने वक्त के बारे में बात करते हुए कहा, "मैंने लीग को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. कल्पना कीजिए, 2010 में हमने 3D देखने के अनुभव की कोशिश की, हम आईपीएल को सिनेमाघरों में ले गए, इतिहास में पहली बार मैचों को लाइव स्ट्रीम करने के लिए हमने यूट्यूब के साथ गठजोड़ किया. जब आप कुछ नया करते हैं तब आपको असफल होने से डरना नहीं चाहिए."
'30 यार्ड सर्किल को और छोटा किया जाए'
बदलते वक्त के साथ आगे बढ़ने के लिए बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल इन इंडिया (BCCI) के पूर्व उपाध्यक्ष ललित मोदी चाहते हैं के मैदान के इनर सर्किल को छोटा किया जाना चाहिए जिससे बैट्समैन बॉलरों पर जोरदार प्रहार कर सकें. ललित मोदी ने आगे कहा, "मैं छोटा नहीं सोचता. आईपीएल को बड़ा बनना है. 30-यार्ड सर्किल को छोटा होना चाहिए. खिलाड़ी पहले से ज्यादा फिट हैं. रनिंग बेहतर हुई है. मेरा मानना है कि जो पक्ष बेहतर बॉलिंग करता है वो प्लेऑफ में पहुंचता है. नियमों में बदलाव होना चाहिए. लोग छक्के पर छक्का चाहते हैं, लेकिन फिर हम नहीं चाहते कि आईपीएल नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए) की तरह हो जाए जहां हर दूसरा गेम सिर्फ एक हूप या प्वाइंट के साथ खत्म होता है."
इसके साथ ही उन्होंने माना कि गेंदबाजों ने टी20 फॉर्मेट के साथ तालमेल बैठा लिया है जो असल में उनके हुनर की परीक्षा लेता है. मोदी ने कहा, "गेंदबाजों ने जिस तरह से इस फॉरमेट में खुद को ढाला है वो उल्लेखनीय है. कल्पना कीजिए कि बल्लेबाज के पास अपना हुनर दिखाने के लिए पूरा मैदान है मगर गेंदबाज के पास अपना कौशल दिखाने के लिए कुछ ही वर्ग फुट होता है."
फैंस के मैच देखने के अनुभव को बेहतर बनाने की वकालत
मोदी चाहते हैं कि जो फैन आईपीएल देखने के लिए आते हैं उनको ध्यान में रखते हुए इसमें बड़े स्तर पर तकनीक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए जिससे ये अधिक जीवंत, प्रासंगिक और स्लीक बन जाए. उन्होंने कहा, "इस तरह की चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे खेल और खिलाड़ी फैन के और करीब पहुंच सकें. देखने के अनुभव को दूसरे स्तर तक पहुंचाने की जरूरत है – तकनीक हमें शानदार अवसर उप्लब्ध कराता है. मैं चाहता हूं कि दुनिया आईपीएल में लाए गए नयेपन की नकल करे और उसकी पदचिन्हों पर चले. स्टेडियम में प्रशंसकों के अनुभव को और बेहतर किया जाना चाहिए. एक प्रशंसक के लिए आईपीएल का टिकट राहत का टिकट होना चाहिए."
'10 टीमों का ही होना चाहिए IPL'
बीसीसीआई ने हाल ही में दो नई फ्रेंचाइजी जोड़ी हैं और 2022 आईपीएल एडिशन में 10 टीमें मुकाबले में हिस्सा लेंगी. ललित मोदी को लगता है कि टूर्नामेंट के लिए 10 टीमें बिल्कुल सही हैं. वह यह भी चाहते हैं कि आईपीएल का वैश्वीकरण हो, कुछ इस तरह से जिसकी योजना उन्होंने भारत छोड़ने से पहले बनाई थी. उन्होंने सुझाव दिया, "आईपीएल में दस टीमें होनी चाहिए मगर साथ में हमें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि नए खिलाड़ियों का आगमन टूर्नामेंट का स्तर के मुताबिक हो. मैं चाहता हूं कि आईपीएल का वैश्वीकरण हो. टीमों के लिए आईसीसी सहयोगी देशों से खिलाड़ी चुनना अनिवार्य किया जाना चाहिए. मैं चाहता हूं कि टीवी पर पूरे अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में आईपीएल हो. आपको वहां की प्रतिभाओं को शामिल करना होगा और खेल को भी दुनिया के उन हिस्सों में ले जाना होगा. आईसीसी वेस्ट इंडीज और अमेरिका में 2024 वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा है. यह काफी पहले हो जाना चाहिए था. मैं 2011-12 में ही आईपीएल को अमेरिका ले जाने वाला था. उस वक्त समय सही था."
IPL को ज्यादा लंबा खींचना सही नहीं
अंडरवर्ल्ड से अपनी जान को खतरा बताते हुए ललित मोदी ने मई 2010 में भारत छोड़ दिया. 2023 में दो नई टीमों के जुड़ने से फॉरमेट में भी बदलाव आएगा. अनुमान है कि टूर्नामेंट की अवधि को भी बढ़ाया जा सकता है. मोदी को लगता है कि टूर्नामेंट को एक खास अवधि से ज्यादा खींचा गया तो उसमें निष्क्रियता आ जाएगी. हालांकि बीसीसीआई ने अब तक फॉर्मेट का एलान नहीं किया है. "आईपीएल के लिए सही अवधि हमेशा 50 दिन है. टूर्नामेंट को इससे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता क्योंकि फिर लोगों की रुचि इसमें घट जाएगी क्योंकि इसमें मैचों की संख्या 75 हो जाएगी. यह एक विचार है जो मूर्त रूप ले सकता है," उन्होंने राय दी.
CVC से छीनी जाए फ्रेंचाइजीः मोदी
2022 से आईपीएल की अवधि तय करते समय बीसीसीआई को लोढ़ा समिति की अनुशंसा और सुप्रीम कोर्ट की इस पर हरी झंडी दिए जाने के बाद 15 दिन के गैप को ध्यान में रखना होगा. इस शर्त को सुप्रीम कोर्ट ने अनुमोदित किया है और ये बीसीसीआई के संविधान का हिस्सा है. ललित मोदी हर रूप में सट्टेबाजी का कड़ा विरोध करते हैं. वो चाहते हैं कि सिंगापुर के इरेलिया कंपनी पीटीई लिमिटेड (सीवीसी कैपिटल पार्टनर्स) से अहमदाबाद की फ्रेंचाइजी वापस ले ली जाए क्योंकि माना जाता है कि वो कथित तौर पर सट्टेबाजी कंपनियां भी चलाती है. ललित मोदी चाहते हैं कि इरेलिया कंपनी पीटीई लिमिटेड की जगह अडानी स्पोर्ट्सलाइन प्राइवेट लिमिडेट को सबसे ऊंची बोली लगाने वाले के रूप में चुना जाना चाहिए. सीवीसी कैपिटल पार्टनर्स ने 5,625 करोड़ की बोली लगाई थी जबकि अडाणी स्पोर्ट्सलाइन प्राइवेट लिमिटेड ने 5,100 करोड़ रुपये की.
फैंटेसी गेमों के खिलाफ नहीं मोदी
ललित मोदी ड्रीम11 और माइसर्किल11 जैसी फेंटेसी गेम फॉर्म के खिलाफ नहीं हैं जो बीसीसीआई और आईसीसी के प्रायोजक भी हैं. भारत के ज्यादातर शीर्ष क्रिकेटर किसी न किसी फेंटेसी फर्म के विज्ञापन करते हैं. "वो काल्पनिक खेल है और मुझे इससे कोई समस्या नहीं है. वे सट्टेबाजी करने वाली कंपनियां नहीं हैं जबकी सीवीसी एक सट्टेबाजी करने वाली कंपनी है जो खेल के दौरान लगातार सट्टेबाजी को नियंत्रित करती हैं," ललित मोदी ने कहा. "कृपया दोनों के बीच के अंतर को समझें. फेंटेसी गेम में आप का काफी हद तक कंट्रोल होता है मगर जब खेलों में सट्टेबाजी होती है तो इससे खेलों के परिणाम प्रभावित होते हैं."
IPL को लगातार फॉलो कर रहे ललित मोदी
ललित मोदी ने 2008 में तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार के साथ आईपीएल की शुरुआत की. शरद पवार ने अपने चहेते के लिए बोर्ड की तरफ 50 मिलियन डॉलर का ग्रांट देकर टूर्नामेंट की शुरुआत करवाई. आईसीसी और कई राष्ट्रीय बोर्ड के समर्थन से आईपीएल तुरंत हिट हो गया. हालांकि ललित मोदी केवल तीन एडिशन की देखरेख कर सके. उसके बाद बीसीसीआई ने उन्हें कथित दुर्व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया. मई 2010 में ललित मोदी इंग्लैंड शिफ्ट हो गए. वो भारत से दूर हैं मगर आईपीएल को वो करीब से लगातार फॉलो करते रहे हैं.


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