बीसीए में खेलने वाला एकमात्र मूक-बधिर क्रिकेटर है कृष प्रजापति

हर खिलाड़ी अपने खेल से काफी प्यार करता है. खेल कोई भी हो लेकिन खेल के प्रति किसी भी खिलाड़ी का लगाव कम नहीं होता है

Update: 2022-04-06 11:54 GMT

हर खिलाड़ी अपने खेल से काफी प्यार करता है. खेल कोई भी हो लेकिन खेल के प्रति किसी भी खिलाड़ी का लगाव कम नहीं होता है. खिलाड़ी अपनी मेहनत के दमपर पूरी दुनिया में अपने नाम का डंका बजाते हैं. हमने ऐसी कई कहानियां सुनी हैं. आज भी हम आपको एक 16 साल के खिलाड़ी के बारे में बताएंगे, जिसकी कहानी जानकर आप भी इस खिलाड़ी पर गर्व महसूस करेंगे, ये खिलाड़ी मूक-बधिर है, लेकिन इस खिलाड़ी के खेल की चर्चा आज कल हर जगह हो रही हैं.

ये 16 साल का खिलाड़ी बना बड़ी मिसाल
16 साल के कृष प्रजापति बड़ोदा क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) में खेलने वाला एकमात्र मूक-बधिर क्रिकेटर है. ये खिलाड़ी कप्तान के इशारों को बड़े ध्यान से देखता है और फिर मैच में खेलता है. कृष शानदार गेंदबाजी के लिए जाना जाता है और बल्लेबाजी भी करता है. पिछले साल जब कृष एसोसिएशन में शामिल हुआ, तो उन्हें बाकी खिलाड़ियों के साथ बातचीत करने और उनको समझने में थोड़ी कठिनाई होती थी. लेकिन अब वे एक-दूसरे को अच्छी तरह समझते हैं.कृष प्रजापति ने टाइम ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'मैं ये नहीं बता सकता कि मैं सामान्य लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने के लिए कितना रोमांचित हूं. मैं अपना सर्वश्रेष्ठ और केवल खेल पर ध्यान देने की कोशिश करता हूं.'
7 साल की उम्र में मां को खोया
पाटन में पैदा हुए हरफनमौला खिलाड़ी कृष प्रजापति ने 7 साल की उम्र में ही अपनी मां को खोया दिया था. कृष के पिता मनीष प्रजापति ने बताया,'कृष लगभग दो साल तक सदमे में था क्योंकि उसकी मां अंजू की कैंसर से मृत्यु हो गई थी जब वह सिर्फ सात साल का था. क्योंकि उसे क्रिकेट पसंद था, मैंने उसे पाटन के एक क्रिकेट क्लब में भर्ती कराया और जल्द ही महसूस किया कि वह एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर है. वे अपने सुनने वाले डिवाइस के साथ थोड़ा सुन सकता है, लेकिन कृष खेलते समय डिवाइस नहीं पहन सकता. इसलिए, मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह किसी दिन एक सामान्य क्रिकेट टीम में खेलेगा.' कृष के पिता उत्तरी गुजरात विश्वविद्यालय में काम करते हैं.
इस खिलाड़ी ने दिया कृष का साथ
कृष के पिता मनीष ने भारतीय मूक-बधिर टीम के पूर्व कप्तान इमरान शेख से भी संपर्क किया था, इमरान शेख ने उन्हें वडोदरा में अपने घर पर रहने के लिए जगह भी दी. कृष ने पिछले सीजन में कई चयन मैच खेले और बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा प्रदर्शन किया. बीसीए के अंडर-16 कोच तुषार अरोठे ने कहा,'उन्होंने हर मैच में विकेट चटकाए और 30-40 रन बनाए. इसलिए, मैंने जोर देकर कहा कि बीसीए को उन्हें खेलना चाहिए. कृष को कोचिंग देते समय और साथ ही खेल रणनीति पर चर्चा करते हुए उनसे संवाद करना एक चुनौती थी. लेकिन सभी टीम के सदस्यों ने उनका समर्थन किया और मुझे कहना होगा कि कृष एक मेहनती और अनुशासित लड़का है


Tags:    

Similar News

-->