भारत की घरेलू सोशल मीडिया कंपनी Koo पर जवागल श्रीनाथ ने लगाया पैसा

Koo भारतीय भाषाओं के लोगों को एक प्लेटफॉर्म के जरिए इंटरनेट से जोड़ रहा है

Update: 2021-03-22 17:02 GMT

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ (Javagal Srinath) ने भारत की घरेलू सोशल मीडिया कंपनी Koo में पैसा लगाया है. देश के कमाल के तेज गेंदबाजों में शामिल किए जाने वाले श्रीनाथ ने 20 मार्च को यह कदम उठाया. इसके तहत उन्होंने Koo की मालिकाना कंपनी बॉम्बिनेट टेक्नोलॉजिस में निवेश किया. उन्होंने इस बारे में कहा कि Koo को सपोर्ट करते हुए उन्हें काफी खुशी है. वे एक साल से इसके साथ है. पिछले साल जब Koo कन्नड़ भाषा में लॉन्च हुआ था तब से वे इसके साथ हैं. उन्होंने कहा, 'भारत काफी विविध देस है. यहां हजारों बोलियां और भाषाएं हैं. ऐसे में अलग-अलग आवाजों को एक प्लेटफॉर्म देना काफी जरूरी है. Koo भारतीय भाषाओं के लोगों को एक प्लेटफॉर्म के जरिए इंटरनेट से जोड़ रहा है, यह कमाल की बात है. जो भी चीज भारत को सफल बनाती हैं मैं उनका जबरदस्त समर्थक हूं, ऐसे में पूरे दिल से मैं इसका समर्थन करता हूं.'

जवागल श्रीनाथ साल 2003 में क्रिकेट से रिटायर हो गए थे. वे अभी मैच रैफरी हैं. उनकी गिनती भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में होती है. मैसूर एक्सप्रेस कहे जाने वाले श्रीनाथ वे पिछले साल Koo से जुड़ गए थे. उस समय इस प्लेटफॉर्म पर केवल कन्नड़ भाषा ही थी. अभी Koo पर उनके एक लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं जबकि टि्वटर पर उनके 11,250 फॉलोअर ही हैं. वे अक्सर ऑडियो Koo के जरिए मैसेज पोस्ट करते हैं. वहीं कंपनी के सीईओ और को-फाउंडर अप्रमेय राधाकृष्णा ने कहा कि जवागल श्रीनाथ ने ग्लोबल स्टेज पर भारत को गौरवान्वित किया है. ऐसे में उनका Koo को सपोर्ट करना कंपनी के लिए अच्छी बात है.
Koo में क्या है खास?
इन दिनों Koo ऐप फिल्म स्टार्स से लेकर राजनेताओं तक सबकी पहली पसंद बना हुआ है. इस ऐप पर अब तक कई नेता और एक्टर्स अपना अकाउंट बना चुके हैं जिसमें कंगना रनौत, अनुपम खेर, पीयूष गोयल आदि जैसे लोगों का नाम शामिल है. इसके अलाव इस ऐप पर क्रिकेटर्स भी अपना अकाउंट बना रहे हैं जिसमें अनिल कुंबले और जवागल श्रीनाथ जैसे लोगों का नाम शामिल है. इस ऐप को 10 महीने पर पहले शुरू किया गया था. इस ऐप ने पिछले साल सरकार के आत्मनिर्भर भारत ऐप चैलेंज को जीता था. ऐप को कई भाषाओं में लॉन्च किया गया है जिसमें हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली, तमिल, मलयालम, गुजराती, मराधी, पंजाबी, ओड़िआ, आसामी शामिल है.


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