आईपीएल के चेयरमैन के बयान सुर्खियों मे, आईपीएल सस्पेंड हुआ है कैंसिल नहीं

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2021) के सस्पेंड हुए अब चौबीस घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है

Update: 2021-05-05 17:16 GMT

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2021) के सस्पेंड हुए अब चौबीस घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. इस बीच आईपीएल के चेयरमैन बृजेश पटेल (Brijesh Patel) की तरफ से आया एक बयान सुर्खियों में है कि आईपीएल सस्पेंड हुआ है कैंसिल नहीं. उनके बयान का सीधा आशय ये है कि अभी आईपीएल का ये सीजन रद्द नहीं हुआ है बल्कि टाला गया है. लेकिन उनके बयान के व्यावहारिक पक्ष को समझना जरूरी है. मीडिया के कुछ हिस्से में इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि आईपीएल सितंबर-अक्टूबर में खेला जा सकता है. लेकिन सच ये है कि फिलहाल आईपीएल के बाकी मैचों का आयोजन लगभग नामुमकिन है.

खुद बीसीसीआई (BCCI) के फैसले इसी तरफ इशारा कर रहे हैं कि बोर्ड ये मान चुका है कि अब ये सीजन आगे नहीं बढ़ाया जा सकेगा. आपको 'लॉजिस्टिक' के आधार पर हम ये समझाते हैं कि आखिर क्यों अब इस सीजन को रद्द मानना ही बेहतर है.
खिलाड़ियों को घर भेजने का फैसला क्यों?
सबसे पहला बड़ा सवाल यही है. अगर बीसीसीआई और आईपीएल के स्टेकहोल्डर्स इस सीजन के बाकी बचे मैचों को कराने के लिए किसी 'प्लान बी' पर काम कर रहे हैं तो विदेशी खिलाड़ियों को वापस भेजने की बात क्यों शुरू हुई? आपको बताते चलें कि बीसीसीआई क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया, क्रिकेट साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के साथ लगातार संपर्क में है कि कैसे इन देशों के खिलाड़ियों को वापस उनके घर भेजा जाए. आईपीएल की तरफ से अधिकारिक बयान में भी कहा जा चुका है कि सभी खिलाड़ियों को सुरक्षित उनके घर भेजने का प्रबंध किया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक अभी अगले कुछ घंटे सभी विदेशी खिलाड़ी भारत में ही रहेंगे. इन सभी को कोरोना टेस्ट कराना होगा. कोरोना टेस्ट की लगातार कुछ रिपोर्ट के निगेटिव आने के बाद इन्हें किसी ऐसे देश में भेजा जाएगा जहां की विमान सेवाएं बहाल हों. विदेशी खिलाड़ी वहां 'क्वारंटीन' किए जाएंगे. 'क्वारंटीन' किए जाने के बाद ये विदेशी खिलाड़ी अपने अपने देश वापस जाएंगे.
बीसीसीआई के सामने क्या विकल्प हो सकते थे?
बीसीसीआई के सामने सिर्फ एक विकल्प मौजूद था. इसे गौर से समझना होगा. आईपीएल में पहला मैच 3 तारीख को टाला गया था. अगर उसी वक्त बीसीसीआई, आईपीएल गर्वनिंग काउंसिल और फ्रेंचाइजी मालिकों ने ये तय किया होता कि फिलहाल दस दिन के लिए लीग के मैच रोक दिए जाएं. दस दिन के बाद किसी एक ही शहर में दो अलग-अलग स्टेडियम में 'बैक टू बैक' यानी डबल हेडर्स खेले जाएं.
ऐसा करके अगर 15 मई को भी टूर्नामेंट दोबारा शुरू होता तो 30 मई तक टूर्नामेंट खत्म किया जा सकता था. क्योंकि कुल 60 में से करीब आधे मैच खेले जा चुके थे. लेकिन अगर इस 'थ्योरी' पर काम करना था तो विदेशी खिलाड़ियों के वापस भेजे जाने को लेकर चर्चा नहीं की जाती. प्रयास नहीं किए जाते.
सूत्रों के मुताबिक आईपीएल गवर्निंग काउंसिल और कुछ टीमों के मालिक इस विकल्प के लिए तैयार थे. मुंबई में दो स्टेडियम में मैच कराए भी जा सकते थे. लेकिन बीसीसीआई के एक आला अधिकारी ने इसके लिए सहमति नहीं जताई. कुछ फ्रेंचाईजी को भी इस विकल्प से असहमति थी. लिहाजा ये विकल्प खारिज किया गया और खिलाड़ियों को उनके घर वापस भेजने पर चर्चा शुरू हो गई.
खिलाड़ी एक बार वापस चले गए तो वापस नहीं आएंगे
ये बात हर कोई जानता है कि मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर विदेशी खिलाड़ी एक बार वापस अपने घर लौटने के बाद वापस हिंदुस्तान नहीं आएंगे. हिंदुस्तान में कोरोना का संक्रमण बिल्कुल बेकाबू हालात में है. मान लेते हैं कि खिलाड़ी वापस आने को तैयार हो भी गए तो भी दूसरे व्यवहारिक पक्ष को समझना होगा. खिलाड़ी वापस आते ही मैदान में नहीं उतर सकते हैं. उन्हें 'क्वारेंटीन' होना होगा. फिलहाल बीसीसीआई के पास इतना वक्त नहीं है कि खिलाड़ियों को नए सिरे से 'क्वारेंटीन' कराने के बाद टूर्नामेंट को फिर से शुरू करा पाए. इसके लिए सरकारी हरी झंडी मिलने की उम्मीद भी नहीं है.
भारत के बाहर टूर्नामेंट कराने के विकल्प मौजूद हैं क्या?
चलिए, लगे हाथ इस विकल्प पर भी बात कर लेते हैं. सबसे पहले तो ये जान लेते हैं कि प्रस्तावित आईपीएल फाइनल खत्म होते ही भारतीय टीम को इंग्लैंड रवाना होना था, क्योंकि इंग्लैंड में भारत को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलना है. ये मैच 18 जून से खेला जाना है. मौजूदा परिस्थितियां ऐसी नहीं है कि खिलाड़ी 15 जून को पहुंच कर सीधे मैदान में उतर जाएंगे. भारतीय खिलाड़ियों को भी इंग्लैंड पहुंचने के बाद 'क्वारंटीन' होना होगा. कोरोना निगेटिव होने के बाद ही खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे.
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के तुरंत बाद भारत को इंग्लैंड के खिलाफ एक सीरीज खेलनी है. इस सीरीज के बाद भारत को दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी करनी है. इसके बाद भारत में ही टी-20 विश्व कप प्रस्तावित है. अब इस शेड्यूल में समय ही कहां है कि आईपीएल के बाकी मैच कराए जाएं. और ये नहीं भूलिएगा कि मान लेते हैं कि भारत के खिलाड़ी 15 दिन के लिए किसी दो सीरीज के बीच में 'फ्री' हो भी जाते हैं तो इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी तब कहां से आएंगे. उन टीमों के खिलाड़ी भी कहीं न कहीं मैच खेल रहे होंगे. लिहाजा पिछले सीजन की तर्ज पर अगर यूएई में बाकी बचे सीजन को कराने की सोची भी जाए तो वक्त नहीं है.
घूम फिरकर वापस इस कहानी की शुरूआत में जाते हैं कि अगर वाकई आईपीएल के बाकी मैच कराने का कोई व्यवहारिक विकल्प था तो वो यही था कि दस दिन के लिए सभी मैचों को टाला जाता. प्लान 'बी' तैयार किया जाता. खिलाड़ी दोबारा मैदान में उतरते. मैच खेले जाते. सीजन पूरा होता. लेकिन इस विकल्प में सबसे बड़ी अनदेखी होती खिलाड़ियों की सेहत की. और फिलहाल उसके लिए कोई तैयार नहीं है. होना चाहिए भी नहीं.


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