पहले तो यह जान लीजिए कि आईपीएल काम कैसे करता है. साल 2008 में इस टूर्नामेंट की शुरुआत हुई. आठ शहरों की फ्रेंचाइजी बेची गई जिन्हें एक और एक से अधिक लोगों ने मिलकर खरीदा. जैसे मुंबई इंडियंस अकेले मुकेश अंबानी की टीम है. वहीं कोलकाता नाइटराइडर्स को शाहरुख खान, जूही चावला ने मिलकर खरीदा था. फ्रेंचाइजी खरीदने के लिए इन लोगों ने बीसीसीआई को रकम चुकाई. इसके बाद बीसीसीआई ने खिलाड़ियों की बोली आयोजित की. जिसमें टीमों ने अपनी-अपनी जरूरत के हिसाब से दांव लगाया और खिलाड़ी ले लिए. टीमें अधिकतम 25 खिलाड़ी रख सकती हैं. इनमें देशी और विदेशी दोनों तरह के प्लेयर होने चाहिए. साथ ही कुछ अनकैप्ड प्लेयर रखना भी जरूरी है. इस तरह से टीमें आईपीएल में एक सीजन में खेलने के लिए तैयार होती हैं.
अब जानते हैं आईपीएल टीमों की कमाई के बारें में. आईपीएल टीमों को कई अलग-अलग सॉर्स से कमाई होती है. इनमें विज्ञापन, ब्रॉडकास्ट राइट्स, टिकटों की बिक्री, पुरस्कार राशि और टीम से जुड़े सामान की बिक्री से होने वाली कमाई शामिल है. अब एक-एक कर इनके बारे में जान लेते हैं.
विज्ञापन या स्पॉन्सर
आईपीएल टीमों के साथ अलग-अलग कंपनियां स्पॉन्सर के रूप में जुड़ती हैं. इसके लिए वे टीमों को पैसा देती है बदले में टीमें उन्हें विज्ञापन के लिए जगह देती है. स्पॉन्सरशिप के तहत टीमों की जर्सी पर कंपनी का लोगो लगता है. एक जर्सी के लिए कई कंपनियां पैसे देती हैं. जैसे कि जर्सी के सामने वाले हिस्से पर जिस कंपनी का लोगो होता है वह मुख्य स्पॉन्सर होता है. इसके लिए सबसे ज्यादा पैसा खर्च होता है. इस तरह बाजू, कंधे और पैंट पर भी स्पॉन्सर वाली कंपनियों के लोगो लगते हैं. इसी तरह बाकी कई चीजों के लिए भी टीमों को स्पॉन्सर मिलते हैं. टीमों की कमाई का यह मुख्य जरिया है. जिस टीम में जितने बड़े नाम होते हैं उसकी कमाई बढ़ने के उतने ही ज्यादा चांस होते हैं.
टिकटों की कमाई
आईपीएल में लीग स्टेज में सात मैच किसी टीम के घरेलू मैदान में खेले जाते हैं तो सात बाहर. तो घरेलू मैदान पर मैच के दौरान जो टिकटों की बिक्री होती है उसकी कमाई संबंधित टीमों को होती है. अभी कोरोना के चलते दर्शकों की एंट्री बंद है. ऐसे में टीमों को टिकटों की बिक्री से कमाई नहीं होगी. ऐसे में बीसीसीआई उन्हें किसी दूसरे तरीके से पैसे देगा.
मीडिया राइट्स
टीमों की कमाई का एक मुख्य स्रोत मीडिया राइट यानी ब्रॉडकास्टिंग अधिकार की बिक्री होता है. ब्रॉडकास्टिंग अधिकार का आसान सा मतलब है कौनसे चैनल पर आईपीएल दिखाई देगा. जैसे अभी स्टार स्पोर्ट्स पर आईपीएल मैच दिखाए जा रहे हैं तो स्टार बीसीसीआई को पैसा देता है. अभी स्टार और बीसीसीआई का पांच साल का करार है. स्टार ने साल 2018 में 16 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा में यह अधिकार लिए हैं. इस रकम में से पैसे टीमों को भी मिलते हैं. जो टीम आईपीएल में जितना लंबा खेलती है उसे उतना ही फायदा होता है. इसलिए हर टीम चाहती है कि वह फाइनल तक जरूर पहुंचे. इसी तरह बीसीसीआई आईपीएल के प्रसारण के डिजीटल राइट भी बेचता है. इसी के तहत हॉटस्टार पर आईपीएल के मैच दिखाए जाते हैं. इससे आने वाली रकम भी टीमों में जाती है.
पुरस्कार राशि
आईपीएल के एक सीजन में जो टीम जिस पायदान पर रहती है उसे उस हिसाब से भी पैसे मिलते हैं. जैसे विजेता टीम को सबसे ज्यादा पैसे मिलते हैं तो फिसड्डी टीम को कम. अभी आईपीएल जीतने वाली टीम को 10 करोड़ रुपये मिलेंगे. साल 2019 में यह रकम 20 करोड़ रुपये थी लेकिन पिछले साल कोरोना वायरस के चलते इसमें कमी कर दी गई.
टीम से जुड़े सामान की बिक्री
फिर टीम मालिकों के पास टीम से जुड़ा सामान जैसे जर्सी, टीशर्ट, बैग, पोस्टर वगैरह बेचकर भी पैसे कमाने का मौका होता है. अंग्रेजी में इसे मर्चेंडाइज अर्निंग कहते हैं. जो टीम जितनी लोकप्रिय होती है उसके मर्चेंडाइज उतने ही ज्यादा बिकते हैं.