हॉकी वर्ल्ड कप 2023: इंग्लैंड के सामने भारत की होगी चुनौती, नज़रें क्वार्टर फाइनल पर

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Update: 2023-01-14 14:32 GMT
नई दिल्ली: हॉकी वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का आगाज़ शानदार हुआ है और पहले ही मैच में टीम ने स्पेन को मात दी है. अब स्पेन पर दबदबे भरी जीत से बेहतरीन तरीके से अपना अभियान शुरू करने वाली भारतीय टीम के सामने रविवार को यहां एफआईएच पुरूष हॉकी विश्व कप के दूसरे पूल मैच में इंग्लैंड की चुनौती होगी और वह इस कड़ी परीक्षा में खरा उतरने के लिए आत्मविश्वास से भरी होगी.
भारत ने नए बिरसा मुंडा स्टेडियम में पूल-डी के शुरुआती मैच में शुक्रवार को शानदार प्रदर्शन दिखाते हुए स्पेन को 2-0 से हरा दिया लेकिन इंग्लैंड की टीम भी उतनी ही चुनौतीपूर्ण होगी.
पहले दो क्वार्टर में भारत ने शानदार आक्रामक हॉकी खेली और स्थानीय खिलाड़ी अमित रोहिदास की मदद से पेनाल्टी कॉर्नर में किए गोल से बढ़त बनाई और फिर हार्दिक सिंह की बदौलत इसे दोगुना किया. कप्तान हरमनप्रीत सिंह और उप-कप्तान रोहिदास ने फिर बेहतरीन रक्षात्मक खेल दिखाया जिससे मुख्य कोच ग्राहम रीड काफी प्रभावित दिखे. हरमनप्रीत एंड कंपनी इंग्लैंड के खिलाफ एक और मजबूत रक्षात्मक प्रदर्शन करना चाहेगी.
इंग्लैंड ने वेल्स के खिलाफ जीत में सभी चार क्वार्टर में गोल किए हैं. रीड ने कहा, ''पहला मैच जीतना अच्छा है लेकिन डिफेंसिव प्रयास देखना सुखद था और हमने गेंद पर कब्जा बनाए रखा. बमुश्किल से कुछेक ही लोग थे जो अच्छा नहीं खेले. आपको विश्व कप में जीतने के लिए इसी चीज की जरूरत होती है, हम इसे अगले मैच में भी जारी रखेंगे.''
इस चीज से बचना चाहेगी टीम इंडिया
अनुभवी पीआर श्रीजेश और कृष्ण बहादुर पाठक भी भारतीय गोल के आगे बेहतरीन थे लेकिन इंग्लैंड के गोलकीपर ओलिवर पेने ने भी वेल्स के खिलाफ काफी प्रयासों को विफल किया, विशेषकर अंतिम क्वार्टर में. भारतीयों की एकमात्र कमजोरी पेनाल्टी कॉर्नर थी क्योंकि स्पेन के खिलाफ पांच में से वे किसी एक को भी सीधे गोल में तब्दील नहीं कर सके. हाल के वर्षों में लगभग प्रत्येक टूर्नामेंट में टीम के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी और शीर्ष स्कोरर रहे हरमनप्रीत हालांकि पेनाल्टी स्ट्रोक चूकने के अलावा पेनाल्टी कॉर्नर से भी गेंद को लक्ष्य तक नहीं पहुंचा सके. उन्होंने इसे स्वीकार किया और वह इंग्लैंड के खिलाफ इस प्रदर्शन की भरपाई करना चाहेंगे. इंग्लैंड के खिलाफ पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में नहीं बदल पाना भारत को भारी पड़ सकता है.
भारतीय खिलाड़ियों को साथ ही सतर्क रहना होगा कि उन्हें रेफरी कोई कार्ड नहीं दिखा दे क्योंकि उन्हें स्पेन के खिलाफ अंतिम क्वार्टर में अभिषेक के बिना ही खेलना पड़ा था जिन्हें फाउल के लिए पीला कार्ड दिखाया गया था. इंग्लैंड के खिलाफ जीत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भारत क्वार्टरफाइनल के एक कदम करीब पहुंच जायेगा. मेजबान टीम अपने पूल में शीर्ष पर रहना चाहेगी और ग्रुप की निचली रैंकिंग की टीम वेल्स के खिलाफ निश्चित रूप से दबदबा बनाये रखेगी.
एक-दूसरे के खिलाफ कैसा है भारत-इंग्लैंड का रिकॉर्ड
बता दें कि इंग्लैंड विश्व रैंकिंग में भारत से एक स्थान ऊपर पांचवें स्थान पर है लेकिन दोनों टीमों के बीच प्रदर्शन में बीते वर्षों में ज्यादा अंतर नहीं रहा है. पिछले साल दोनों टीमों ने एक दूसरे के खिलाफ तीन मैच खेले थे. राष्ट्रमंडल खेलों में दोनों के बीच मैच 4-4 से ड्रॉ रहा था, एफआईएच प्रो लीग के पहले चरण में मैच 3-3 से ड्रॉ रहा और इसके बाद दूसरे मैच में भारत ने 4-3 से जीत दर्ज की.
राष्ट्रमंडल खेल 2002 में 11 गोल से शीर्ष स्कोरर रहे निक बांडुराक ने वेल्स के खिलाफ गोल किया और बर्मिंघम में शानदार प्रदर्शन करने वाले फिल रोपर भी शानदार रहे. इंग्लैंड ने तीन मैदानी गोल किये जिसमें से तीसरा निकोस पार्क ने दागा. लियाम एंसेल ने पेनल्टी कॉर्नर से दो गोल किए. भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 10 मैच जीते हैं जबकि इंग्लैंड की टीम सात मुकाबले ही जीत पाई है और चार मुकाबले ड्रॉ रहे हैं. स्पेन रविवार को पूल-डी के एक अन्य मैच में वेल्स से भिड़ेगा. मैच भारतीय समयानुसार शाम सात बजे शुरू होगा.
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