AFG vs ZIM : हशमतुल्लाह शाहिदी ने तोड़ा नियम, अंपायर ने AFG टीम को दी सजा
अफगानिस्तान और जिम्बाब्वे (AFG vs ZIM) के बीच जारी दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन एक अजीबो गरीब घटना देखने को मिली
अफगानिस्तान और जिम्बाब्वे (AFG vs ZIM) के बीच जारी दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन एक अजीबो गरीब घटना देखने को मिली. इस मैच में अफगानिस्तान (Afghanistan) के फील्डर हशमतुल्लाह शाहिदी (Hashmatullah Shahidi) ने ऐसी हरकत की जिससे पूरी टीम को सजा भुगतनी पड़ी.
क्रीज पर जम गए थे सिकंदर रजा
जब जिम्बाब्वे (Zimbabwe) का स्कोर 281/8 था और इस टीम की तरफ से सिकंदर रजा (Sikandar Raza) 79 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे. दूसरे छोर पर रजा था साथ निभा रहे थे ब्लेसिंग मुजाराबानी (Blessing Muzarabani) जो तब तक अपना खाता थी नहीं खोल पाए थे.
वापस स्ट्राइक लेना चाहते थे थे सिकंदर
सिकंदर रजा ने एक ओवर की आखिरी गेंद पर कवर की तरफ शॉट लगाया और सिंगल लेने की कोशिश की ताकि स्ट्राइक वापस अपने पास रखी जी सके. गेंद बाउंड्री से कुछ इंच पहले रुकी और तब तक दोनों बल्लेबाज दोड़कर 1 रन पूरे कर चुके थे. अफगान फील्डर हशमतुल्लाह शाहिदी ने चालाकी दिखाते हुए एक पैर बाउंड्री पर रखा और गेंद पकड़ लिया.
फील्डर ने ऐसा क्यों किया?
इस गेंद पर चौका लगने का मतलब था कि अगले ओवर में ब्लेसिंग मुजाराबानी (Blessing Muzarabani) को स्ट्राइक मिले और अफगानिस्तान (Afghanistan) को बाकी 2 पुछल्ले बल्लेबाजों को आउट करने में आसानी हो, इस तरह जिम्बाब्वे (Zimbabwe) की पहली पारी समाप्त की जा सके.
अंपायर ने दी सजा
वहां मौजूद फील्ड अंपायर अहमद शाद पकतीन (Ahmed Shah Pakteen) और अलीम दार (Aleem Dar) ने इस घटना का संज्ञान लिया. उन्होंने बातचीत के बाद आईसीसी (ICC) के 19.8 नियम के तहत जिम्बाब्वे (Zimbabwe) को एक एक्ट्रा रन दे दिया गया. यही नहीं अगली गेंद पर सिकंदर रजा को स्ट्राइक भी दे दी गई.
क्या कहता है नियम 19.8?
आईसीसी के नियम 19.8 के मुताबिक, "अगर ओवर थ्रो या किसी फ़ील्डर ने जानबूझकर बाउंड्री जाने दी हो तब बल्लेबाज़ों के द्वारा पूरे किए गए रन को भी जोड़कर दिया जाना चाहिए. पूरे किए रन के साथ अगर बल्लेबाज़ थ्रो या एक्ट के वक्त कोई रन पूरा करने के लिए एक दूसरे को क्रास कर चुके हों तो वो भी रन पूरा माना जाएगा.'