खिलाड़ियों से शपथपत्र मांगकर फंसी हरियाणा सरकार, आलोचना के बाद वापस लेना पड़ा नोटिस
हरियाणा सरकार ने लगातार हो रही आलोचना के बाद राज्य ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके खिलाड़ियों के जारी नोटिस वापस ले लिया है
हरियाणा सरकार (Haryana Goverment) ने लगातार हो रही आलोचना के बाद राज्य ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके खिलाड़ियों के जारी नोटिस वापस ले लिया है. सरकार के नोटिस के मुताबिक सभी खिलाड़ियों से शपथपत्र मांगा गया था जिसकी खिलाड़ियों ने काफी आलोचना की थी. खिलाड़ियों का कहना था कि यह नोटिस उन्हें शर्मिंदा कर रहा है क्योंकि वह कोई अपराधी नहीं है.
इस शपथ पत्र में खिलाड़ी को अपना नाम, गांव व जिला का नाम, इवेंट की जानकारी देनी थी. साथ ही इस बात भी मान्य करती थी कि खिलाड़ी के डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव मिलने, किसी अपराधिक व यौन शोषण मामले में दोषी पाए जाने पर सरकार को एडवांस में ली गई पांच लाख रुपये की राशि खेल विभाग व राज्य सरकार को वापस लौटानी पड़ेगी. अब तक हरिय़ाणा से 19 खिलाड़ी ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं.
हरियाणा सरकार की हो रही है आलोचना
राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए ओलिंपिक क्वालिफाई करने वाले खिलाड़ियों (Olympic qualifiers) को हरियाणा सरकार ने तैयारी के लिए पांच-पांच लाख रुपये की राशि एडवांस देने की घोषणा की थी. इस राशि को 'प्रीपेशन मनी' यानी तैयारी के लिए खर्च की जाने वाली राशि का नाम दिया गया है था. नोटिस जारी होने के बाद बात सामने आई कि अमित पंघाल को छोड़कर अब तक यह रकम किसी को मिली ही नहीं है. ऐसे सरकार चारो ओर से घिर गई और उसे अपना फैसला बदलना पड़ा.
हरियाणा सरकार ने वापस लिया फैसला
हरियाणा सरकार में ओसीडी गजेंद्र फोगाट ने कहा, 'हम बताना चाहते हैं कि हमारे सामने हरिय़ाणा के ओलिंपिक जाने वाले खिलाड़ियों की परेशानी आई है. मैंने खेल निर्देशक से बात की है और अब खिलाड़ियों को कोई ऐसा शपथपत्र नहीं देना होगा. साथ ही शनिवार या सोमवार तक सभी खिलाड़ियों के खाते में पैसे भी भेज दिए जाएंगे. कई खिलाड़ियों ने इस तरह के शपथपत्र की निंदा की थी. रेसवॉकर संदीप पूनिया कहा कहना है कि वह भारत के एथलीट हैं अपराधी नहीं. कई महिलाओं ने भी ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया है उनका इस तरह की जानकारी देना सही नहीं है. एक रेसलर ने कहा कि जिस तरह की जानकारी मांगी गई है, उससे वह अपने परिवार के सामने शर्मिंदा महसूस कर रही थीं.