पृथ्वी दिल्ली की टीम का हिस्सा हैं. दिल्ली की टीम ने आज तक आईपीएल का कोई भी सीजन नहीं जीता है. इस सीजन में टीम की कप्तानी का जिम्मेदारी ऋषभ पंत को सौंपी गई है. भारत-इंग्लैंड के बीच वनडे सीरीज के दौरान श्रेयस अय्यर को चोट लग गई थी. पंत को इसी वजह से टीम की कमान सौंपी गई है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि पिछले 6-7 साल के करियर में पृथ्वी शॉ की कहानी कहां से कहां तक पहुंच गई है.
सचिन तेंदुलकर से होती थी पृथ्वी की तुलना
याद कीजिए, करीब 2013-2014 के आस पास की बात है. पृथ्वी शॉ की चर्चा बहुत ज़ोर शोर से शुरू हुई थी. ऐसा कहा जा रहा था कि क्रिकेट के मैदान में अगले सचिन तेंदुलकर ने कदम रख दिया है. दरअसल, पृथ्वी ने स्कूली और घरेलू क्रिकेट में कई ऐसे रिकॉर्ड्स अपने नाम किए थे जो कभी सचिन के नाम हुआ करते थे. वो क़द काठी में सचिन जैसे थे भी. सचिन को अपना आदर्श भी मानते थे. सचिन को कॉपी करने की कोशिश भी करते थे. पूरी दुनिया में क्रिकेट को संचालित करने वाली संस्था इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईआईसी ने भी अपने एक वीडियो का टाइटिल यही दिया था कि क्या पृथ्वी शॉ भारत के अगले सचिन तेंदुलकर हैं? यानी ये चर्चा थी कि पृथ्वी साव 'स्पेशल टैलेंट' हैं. लेकिन आज 2021 में दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पॉन्टिंग के खुलासे के बाद सवाल ये है कि क्या पृथ्वी शॉ अपने उस 'स्पेशल टैलेंट' के साथ न्याय कर रहे हैं जिसकी बदौलत उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर से की गई थी? अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खिलाड़ियों को 3-4 कसौटियों पर परखते हैं. खिलाड़ी की फ़ॉर्म, उसकी फ़िटनेस, रिकार्ड्स और उसकी कमिटमेंट. अब वो वक्त है जब पृथ्वी शॉ को अपने आपसे ये सवाल करना चाहिए कि क्या वो इन कसौटियों पर सचिन तेंदुलकर के आस पास भी दिखते हैं?
यूं ही नहीं माना जाता पृथ्वी शॉ को सुपरस्टार
रिकी पॉन्टिंग जैसे पारखी खिलाड़ी ने पृथ्वी शॉ को सुपर स्टार यूं ही नहीं कहा. वो बैकफ़ुट के लाजवाब खिलाड़ी हैं. गेंद की लेंथ को जल्दी पकड़ते हैं. आप उनके क्रीज़ पर खड़े होने के अंदाज को देखेंगे तो समझ जाएँगे कि वो शॉट्स खेलने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. पृथ्वी की 'प्लेसमेंट' और 'टाइमिंग' कमाल की है. उन्हें अपना स्वाभाविक खेल खेलने में मज़ा आता है. इसीलिए जब आप पृथ्वी शॉ को खेलते देखते हैं तो कई बार लगता है कि ये सचिन और सहवाग को मिलाकर एक खिलाड़ी बनाया गया है. ये भी याद रखना चाहिए कि ये वही पृथ्वी शॉ हैं जिनकी कप्तानी में भारत ने अंडर 19 विश्व कप जीता है. जो टेस्ट करियर के पहले ही मैच में सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ हैं. लेकिन ये वही पृथ्वी शॉ हैं जो करियर शुरू करने के कुछ महीनों बाद ही डोपिंग विवाद में फँस गए. उन्हें बैन किया गया. ये वही पृथ्वी हैं जिनके बर्ताव को लेकर सवाल उठे. ये वाक़या रणजी ट्राफ़ी के दौरान उठा था. जब टीम मैनेजर के हवाले से ढकी छुपी ये खबर सामने आ गई थी कि मैनेजमेंट शॉ के बर्ताव से चिंतित है. इतना ही नहीं खबरें ये भी आईं कि पृथ्वी शॉ 'डिप्रेशन' के शिकार हो गए हैं. इसी सिलसिले में रिकी पॉन्टिंग का खुलासा नई कड़ी है.