मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर ऐसे करें श्री कृष्ण की पूजा, भगवान होंगे अति प्रसन्न

आज मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा है। यह इस वर्ष की अंतिम पूर्णिमा है। इस दिन लोग व्रत करते हैं

Update: 2020-12-30 04:21 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक | आज मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा है। यह इस वर्ष की अंतिम पूर्णिमा है। इस दिन लोग व्रत करते हैं और स्नान-दान आदि करते हैं। मुहूर्त के मुताबिक, कई लोगों ने मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत 29 दिसंबर यानी कल किया है। वहीं, कई लोग आज भी यह व्रत कर रहे हैं। पूर्णिमा व्रत के दिन कई लोग सत्यनारायण भगवान की कथा भी सुनते हैं। इसका महत्व भी बहुत अधिक है। मार्गशीर्ष माह श्री कृष्ण को बेहद प्रिय है। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर क्यों की जाती है भगवान कृष्ण की पूजा।

श्री कृष्ण को बेहद प्रिय है यह माह:
मार्गशीर्ष माह भगवान श्री कृष्ण को बेहद प्रिय है। ऐसे में मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। इस दिन कृष्ण जी की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन पूजा और व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली कई परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।
मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है उन्हें इस दिन चंद्रमा की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि जिन लोगों के मन में गलत विचार आते हैं उन्हें भी चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए। साथ ही जल भी अर्पित करना चाहिए। इससे चंद्रमा के दोष दूर हो जाते हैं।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त:
पूर्णिमा का आरंभ- 29 दिसंबर की शाम 7 बजकर 54 मिनट से
पूर्णिमा का समापन- 30 दिसंबर की रात 8 बजकर 57 पर तक


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