World Environment Day 2022: क्यों दोहराया जा रहा है 50 साल पुराना नारा, एक अवसर को रूप में

Update: 2022-06-05 09:25 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day 2022) के अवसर पर एक बार फिर दुनिया में पर्यावरण संबंधी समस्याओं पर मनन किया जा रहा है. एक तरफ दुनिया कोविड-19 से उबरने की जद्दोजहद में है तो दूसरी ओर सौ दिन से रूस यूक्रेन युद्ध आग ने कई तरह के संकट खड़े कर रखे हैं. लेकिन इस मुश्किल समय में पर्यावरण और पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन और अन्य खतरों से बचाने की समस्या कम नहीं हुई है. इसी लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) इस साल केवल पृथ्वी का (Only The Earth) नारा देते हुए उसे बचाने की जरूरत पर जोर देते हुए प्रकृति के साथ तालमेल बनाते हुए स्थायी रूप से रहने पर बल दिया है.

कब से मनाया जा रहा है इसे
विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय दिवस है. इसे हर साल 5 जून को संयुक्त राष्ट्र पर्यायवरण कार्यक्रम के तहत 1973 से मनाया जा रहा है. तब से अब तक यह पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा मंच बन गया है जहा पर दुनिया भर में करोड़ों लोग इसे मनाते हैं. इस साल इस दिवस की मेजबानी स्वीडन के हाथों में हैं.
समस्याओं का अंबार
इस समय दुनिया का कोई भी कोना पर्यावरण की समस्याओं से अछूता नहीं है. वायुप्रदुषण थमने का नाम नहीं ले रहा है तो महासागरों में प्लास्टिक जमा होता जा रहा है, ग्लोबल वार्मिंग से महासागर भी वायुमंडल की बढ़ती ऊष्मा को अब सहेज नहीं पा रहे हैं और अन्य तरह के प्रदूषण भी उसे प्रभावित कर रहे हैं. वहीं धरती पर भी बढ़ती जनसंख्या, थल प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, वन्यजीवन को खतरे भी मुसीबतों का आकार और मात्रा ही बढ़ा रहे हैं.
एक अवसर को रूप में
इस लिहाज से विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण के महत्व पर ध्यान केंद्रित रखता है और लोगों को याद दिलाने का प्रयास करता है कि प्रकृति को हलके में नहीं लेना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इस दिन का उत्सव हमें एक अवसर देता है कि पर्यावरण को संरक्षण और बढ़ावा देने लोग व्यक्तिगत, संस्थागत और सामुदायिक स्तर पर जिम्मेदार आचरण और उत्कृष्ट विचारों के लिए आधार का विस्तार करें."
Environment, Earth, Climate Change, World Environment Day 2022, United Nations, 5 June, Only The Earth, साल 1972 में स्टॉकहोल (Stockholm) में हुए सम्मेलन में ओनली द अर्थ का नारा दिया गया था.
50 साल पहले का नारा क्यों
'केवल पृथ्वी' का नारा 1972 के स्टॉकहोम सम्मेलन में सबसे पहले दिया गया था और आज 50 साल बाद एक बार फिर इसे अपनाया गया है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि यह आज भी हम पर लागू होता है कि केवल पृथ्वी ही हमारा घर है और इसका कोई विकल्प हीं हैं. यह नारा पर्यावरण में वैश्विक स्तर पर परिवर्तनकारी नतीजों की पैरवी करता है
प्रभावी परिवर्तनकारी प्रयास
इस अभियान में जलवायु, प्रकृति, और प्रदूषण के लिए कार्रवाई पर जोर देते हुए सभी को संधारणीयता के साथ रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. जहां लोगों के अपने खाने के चुनाव से अंतर आएगा, हमें सामूहिक प्रयासों और कार्यों से परिवर्तनकारी पर्यावरणीय प्रयास करने की जरूरत है.
Environment, Earth, Climate Change, World Environment Day 2022, United Nations, 5 June, Only The Earth,पृथ्वी (Earth) को बचाना हमारी जरूरत नहीं मजबूरी ज्यादा बनती जा रही है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
वैश्विक तापमान पर काबू
अगले दो दशकों में ज्यादा संभावना इस बात की है कि ग्लोबल वार्मिंग 1.5 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा हो जाएगी यानि पृथ्वी का औसत तापमान 19वीं सदी के औद्योगिक काल के समय की तुलना में 1.5 डिग्री ज्यादा हो जाएगा. इसे इसी पर सीमित करने के लिए पूरी दुनिया को भारी मात्रा में ग्रीनहाउस उत्सर्जन में कटौती करनी होगी. और 2030 के इसे आधा करना होगा.
इसके लिए ऊर्जा के अक्षय स्रोतों को अपनाना बहुत जरूरी है नहीं तो जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता कार्बन और अन्य तरह के ग्रीन हाउस उत्सर्जन कम नहीं होने देगी. इस तरह जंगलों और वन्य क्षेत्रों का संरक्षण रोकने पर भी तेजी से और बहुत गंभीरता से काम करना होगा नहीं जैवविविधता और परिस्थितिकी तंत्र में ऐसे बदलाव आ रहे हैं जिन्हें पलट पाना संभव नहीं होगा. पृथ्वी और पर्यावरण के प्रति जागरूकता और शिक्षा के साथ आवश्यक प्रचार और प्रोत्साहन की भी बहुत आवश्यकता है.


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