क्यों लगती है लकड़ी में आग और धातु क्यों नहीं जलती, जानिए क्या है वैज्ञानिकों का जवाब
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। क्या आग को देखकर कभी आपके दिमाग में यह सवाल आया है कि आग लकड़ी में ही क्यों लगती है, धातु या मेटल में क्यों नहीं? तो आज हम इस सवाल का जवाब वैज्ञानिकों से जानने की कोशिश करते हैं.
ओरेगन यूनिवर्सिटी (University of Oregon) के एक रसायनज्ञ (Chemist) कार्ल ब्रोज़ेक (Carl Brozek) कहते हैं कि आग को जलने के लिए तीन चीजों की जरूरत होती है- ऑक्सीजन, गर्मी और ईंधन. ऑक्सीजन गैस है, जो हवा में होती है. गर्मी को घर्षण से बनाया जा सकता है, जैसे कि माचिस जलाना. ईंधन वह चीज है जो जलती है. ईंधन आम तौर पर ऑर्गेनिक पदार्थों से बना कुछ भी हो सकता है. यहां ऑर्गेनिक का संबंध उन अणुओं (Molecules) से है जो मुख्य रूप से कार्बन-हाइड्रोजन बॉन्ड से बने होते हैं. कभी-कभी इसमें ऑक्सीजन या अन्य परमाणु, जैसे फॉस्फोरस या नाइट्रोजन भी शामिल होते हैं.
कैमिकल बॉन्ड और ऊर्जा की वजह से लगती है आग
क्यों लगती है लकड़ी में आग?
जलना एक कैमिकल रिएक्शन (Chemeical Reaction) है, जो कमजोर कैमिकल बॉन्ड (Chemical bond) के साथ एक अस्थिर सिस्टम से ऊर्जा जारी करती है. कार्ल ब्रोज़ेक का कहना है कि ऑर्गैनिक मॉलीक्यूल जिनमें कार्बन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन और कुछ अन्य तत्व होते हैं, वे ज्यादा स्थिर होना चाहते हैं. लकड़ी और कागज आसानी से आग पकड़ लेते हैं, क्योंकि ये सेल्यूलोज (Cellulose) से बने होते हैं. सेल्यूलोज कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच के बॉन्ड से बना अणु होता है.
जब लकड़ी से बनी किसी वस्तु में आग लगती है, तो लकड़ी को बनाने वाला सेल्युलोज, कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) और जल वाष्प (Water Vapor) में बदल जाता है. ये दोनों अणु मजबूत बॉन्ड वाले अणु होते हैं. इस कैमिकल रिएक्शन से निकलने वाली ऊर्जा, गैस के परमाणुओं में मौजूद इलेक्ट्रॉन को उत्तेजित करती है, जिससे रोशनी दिखती है. यह रोशनी हमें लौ के रूप में दिखाई देता है.
धातु का बर्तन क्यों नहीं जलता?
अब अगर सवाल यह है कि आग में धातु का बर्तन क्यों नहीं जलता, तो जवाब यह है कि धातु के बेहद मजबूत कैमिकल बॉन्ड आसानी से तोड़े नहीं जा सकते. जबकि लकड़ी के एक टुकड़े में ऐसे मजबूत बॉन्ड नहीं होते. इसलिए इसमें लौ से ऊर्जा को अवशोषित करने की क्षमता नहीं होती. लकड़ी ऊर्जा को अवशोषित करने के बजाय, आग से ऊर्जा छोड़ती है. लेकिन बर्तन की धातु में उस ऊर्जा को अवशोषित करने और उसे खत्म करने की क्षमता होती है. इसी वजह से बर्तन छूने पर गर्म लगता है.
हालांकि, कुछ धातुएं ऐसी भी होती हैं, जो जलती हैं. आतिशबाजी बनाने के लिए पोटेशियम (Potassium)और टाइटेनियम (Titanium) जैसे ज्वलनशील धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है. आतिशबाजी में धातु पाउडर के रूप में होती है, जो गर्मी और ऑक्सीजन के साथ बहुत तेजी से प्रतिक्रिया करती है