डब्ल्यूएचओ ने किया आगाह, कई देशों में फिर से मुसीबतें बढ़ा रहा है कोरोना का ये वैरिएंट

डब्ल्यूएचओ ने किया आगाह

Update: 2022-03-12 10:23 GMT
दो साल से अधिक समय से पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण की चपेट में है। वैश्विक स्तर पर मौजूदा समय में वैसे तो संक्रमण की रफ्तार कम है, हालांकि कुछ देशों में स्थिति अभी भी चिंताकारक बनी हुई है। हालिया रिपोर्ट में चीन में संक्रमण की दर में एक बार फिर से उछाल देखा गया है, इसके चलते चांगचुन शहर के औद्योगिक केंद्र में लॉकडाउन लगाया गया है। यहां कोरोना मामलों में आई इस तेजी की वजह ओमिक्रॉन वैरिएंट को माना जा रहा है। वहीं एक अऩ्य रिपोर्ट में यूरोपीय देशों में डेल्टा और ओमाइक्रोन वैरिएंट के संयोजन 'डेल्टाक्रॉन' ने लोगों की समस्याओं को बढ़ा दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया कि फ्रांस, नीदरलैंड और डेनमार्क जैसे देशों ने डेल्टाक्रॉन के मामलों को लेकर सूचना दी है। कोरोना के एक सबसे संक्रामक और एक सबसे घातक माने जा रहे वैरिएंट का संयोजन, लोगों में गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन देशों में फिलहाल संक्रमण का रफ्तार कम है उन्हें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। कोरोना के कई वैरिएंट्स को अब भी सक्रिय पाया जा रहा है। आइए आगे की स्लाइडों में डेल्टाक्रॉन के संभावित खतरे के बारे में जानते हैं।
डेल्टाक्रॉन कर रहा है लोगों को संक्रमित
कैलिफ़ोर्निया स्थित लैब हेलिक्स में अमेरिकी शोधकर्ता ने 22 नवंबर से 13 फरवरी तक के बीच एकत्र किए गए 29,719 कोरोनावायरस पॉजिटिव सैंपल्स की जांच की। वैज्ञानिकों ने पाया कि ज्यादातर लोगों में दो वैरिएंट्स के संक्रमण का संयोजन पाया गया। सैंपल में डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट के जेनेटिक मैटेरियल्स पाए गए। शोधकर्ताओं ने पाया कि यूरोपीय देशों में संक्रमण के शिकार रह चुके ज्यादातर लोगों में एक साथ दो वैरिएंट्स का असर देखने को मिल रहा है।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
फ्रांसीसी वैज्ञानिक और अध्ययन के प्रमुख लेखक फिलिप कोलसन कहते हैं, कुछ देशों में सार्स-सीओवी-2 वायरस के दो वैरिएंट्स का समान अवधि के दौरान संक्रमण पाया जा रहा है। इसने इन दो प्रकारों के बीच पुनर्संयोजन के अवसर पैदा किए हैं। यह वायरल कॉम्बिनेशन संक्रमण के समय कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं के जोखिमों को बढ़ा सकते हैं। इस संबंध में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
क्या संक्रामक हो सकता है डेल्टाक्रॉन?
इससे पहले दुनियाभर के वैज्ञानिकों का दावा था कि वायरल कॉम्बिनेशन के मामले अत्यंत दुर्लभ हैं। इसके कोई ऐसे पुख्ता सबूत नहीं थे जिसके आधार पर इसके अस्तित्व को साबित किया जा सके। हालांकि डब्ल्यूएचओ द्वारा की गई घोषणा और हाल के निष्कर्षों के अनुसार वैज्ञानिकों का कहना है कि हम संबंध में सोचने को मजबूर हैं। डब्ल्यूएचओ में तकनीकी नेतृत्व मारिया वान केरखोव कहती हैं, वैसे तो इसके कारण संक्रमण की गंभीरता जैसे सबूत तो नहीं मिले हैं, हालांकि इस संबंध में विस्तृत अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है।
वायरस के प्रसार को रोकने पर जोर
डॉ मारिया वान कहती हैं, वायरल कॉम्बिनेशन के मामले अत्यंत दुलर्भ माने जाते हैं, हालांकि समय के साथ इसमें बदलाव देखा जा रहा है। फिलहाल डराने वाली बात यह है कि संक्रमण की रफ्तार कई हिस्सों में अधिक देखी जा रही है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कोविड उपयुक्त उपायों का पालन करना सबसे अच्छा विकल्प है। मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और हाथों की उचित स्वच्छता का पालन करना घातक वायरस के खिलाफ हमारी लड़ाई का अभिन्न अंग है। सभी लोगों को इसपर विशेष ध्यान रखे जाने की आवश्यकता है।


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण:  उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें। 
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