ब्रह्माण्ड के कौन से रहस्य अपने अंदर समेटे है मिस्र में मिला पत्थर; जानें क्या हैं वैज्ञानिकों का कहना

Update: 2022-05-19 11:47 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पृथ्वी (Earth) पर कई ऐसे पत्थर भी हैं जो यहां नहीं बने हैं बल्कि पृथ्वी से बाहर किसी शुद्रग्रह से आए हैं. यहां तक कुछ पिंड तो करोड़ों साल पहले चंद्रमा या मंगल से हुए किसी टकराव के बाद भी यहां पर पहुंचे हैं. लेकिन साल 2013 में जब वैज्ञानिकों ने मिस्र में मे पत्थर (Stone of Egypt) के बारे में ऐलान किया था कि यह पृथ्वी से बाहर से आया है , तब किसी ने नहीं सोचा होगा कि यह कुछ ज्यादा ही अनोखा होने वाला है. दो साल बाद बताया गया है कियह किसी उल्कापिंड या धूमकेतु का हिस्सा नहीं रहा है. लेकिन नए अध्ययन में शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यह हमारे सौरमंडल के बाहर के एक सुपरनोवा विस्फोट (Supernova explosion) से आया है.

फॉरेंसिक विश्लेषण से खुलासा
इस पत्थर के मिलने के करीब एक दशक बाद वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह पत्थर हायपैटिया (Hypatia) नाम के सुपरनोवा विस्फोट से आया है. इस पत्थर के फॉरेंसिक विश्लेषण से खुलासा हुआ है कि यह ब्रह्माण्ड के सबसे बड़े विस्फोटों में एक सुपरनोवा विस्फोट का सबसे पहला प्रत्यक्ष प्रमाण है. यह विस्फोट एक मरते हुए तारे से हुआ था जिसका भार हमारे सूर्य से पांच गुना ज्यादा था.
पूरे कालक्रम को जोड़ने की कोशिश
इकरस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस पिंड के उद्गम के सभी अन्य संभावित खगोलीय स्रोतों को खारिज कर दिया और उन्होंने इसका स्रोत जानने के लिए पृथ्वी, सूर्य, और सौरमंडल तक निर्माण के कालक्रम को एक साथ जोड़ कर इसके सफर का अनुमान लगाने का प्रयास किया.
सुपरनोवा विस्फोट के बाद
जोहानिसबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जैन क्रैमर्स ने एक बयान में कहा,"एक तरह से कहा जा सकता है कि हमने सुपरनोवा la प्रकार को अपना काम करते हुए पकड़ा है. क्योंकि विस्फोट से निकले गैस के परमाणु पासकी धूल में कैद हो कर रह गए थे. जिससे हायपैटिया का मूल पिंड बना था. जिसके टुकड़े के रूप में यह पृत्थर पृथ्वी तक पहुंच गया."
Solar System, Egypt, Space, Supernova, Supernova Explosion, Stones of Egypt, Meteorite, Comet, Asteroid, सुपरनोवा (Supernova) का यह विस्फोट सौरमंडल के निर्माण की शुरुआत के समय हुआ होगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर: r @chandraxray)
कैसे हुई शुरुआत
इस पत्थर की कहानी एक विशाल लाल तारे से शुरू होती है जो एक विशालकाय धूल के बादल, जिसे नेब्यूला कहते हैं, में एक सफेद बौने के रूप में सिमट गया था. यह सफेद बौना एक द्विज तंत्र का हिस्सा था जिसमें एक और साथी तारा भी था जिसे निगल लिया गया था. शोधकर्ताओं का कहना है कि एक समय पर यह भूखा सफेद बौना धूल के बादल के अंदर ही la प्रकार के सुपरनोवा में विस्फोटित हो गया.
चट्टान बनने की प्रक्रिया
विस्फोट के ठंडा होने पर सुपरनोवा में रह गए गैसे के परमाणु बादल की धूल से चिपकने लगे और करोड़ों सालो में ठोस चट्टान बन गए यह हमारे सौरमंडल के शुरुआती चरणों के समय की बात है. शोधकर्तओं ने पता लगाया कि यह सब हमारेसौरमंडल के बाहरी हिस्से, ऊर्ट बादलया फिर काइपर पट्टी के ठंडे वातावरण में हुआ होगा.
Solar System, Egypt, Space, Supernova, Supernova Explosion, Stones of Egypt, Meteorite, Comet, Asteroid, इस पत्थर ने सौरमंडल (Solar System) की शुरुआत से पृथ्वी के रेगिस्तान तक का सफर किया है. (फाइल फोटो)
कैसे आना हुआ पृथ्वी पर
समय के साथ यह चट्टान तेजी से पृथ्वी की ओर आई और पृथ्वी के वायुमडंलकी गर्मी के कारण दक्षिण पश्चिम मिस्र में जमीन से टकरा कर बिखर गई. शोधकर्ताओं ने इसमें निकल फॉस्फाइड नाम का पदार्थ पाया जो सौरमंडल के किसी भी पिंड में नहीं पाया जाता है. उन्होंने बड़ी सटीकता से इसमें अलग अलग तत्व देखे इसमें कम स्तर का सिलिकॉन मिला और संरचना ऐसे पाई जो सौरमंडल के किसी भी वर्तमान या फिर पुरातन पिंड की संरचना से मेल खाती नहीं दिखी.



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