इन पांच तरीकों से हो सकता है TIME TRAVEL, विस्तार से जानिए

हॉलीवुड की कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में समय यात्रा को बड़े ही अनोखे अंदाज में दिखाया गया है

Update: 2021-07-02 06:59 GMT

हॉलीवुड की कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में समय यात्रा को बड़े ही अनोखे अंदाज में दिखाया गया है। इन्हें देखने के बाद सवाल खड़ा होता है कि क्या हकीकत में भी समय यात्रा को अंजाम दिया जा सकता है? क्या भविष्य में समय यात्रा के लिए हम टाइम मशीन बना सकते हैं? अगर हां तो कैसे? समय यात्रा की अवधारणा लंबे समय से भौतिक वैज्ञानिकों के साथ-साथ सामान्य लोगों को भी रोमांचित करती आई है। मशहूर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने सन 1905 में सापेक्षतावाद का सिद्धांत दिया था। इस सिद्धांत में उन्होंने यह बताया था कि ब्रह्मांड में टाइम और स्पेस चादर के रूप में एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव में आकर ये चादर नीचे मुड़ती है, जिसके चलते समय रेखा में एक बदलाव देखने को मिलता है। आधुनिक वैज्ञानिकों ने इसी सिद्धांत के आधार पर समय यात्रा करने के कई तरीकों को खोजा है, जिनका इस्तेमाल करके हम समय में यात्रा कर सकते हैं। आइए जानते हैं -

वर्म होल
कई वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्म होल के जरिए समय यात्रा की जा सकती है। वर्म होल टाइम और स्पेस की चादर में पाई जाने वाली विकृति है। सरल शब्दों में कहें तो वर्म होल अंतरिक्ष के दो हिस्सों के बीच की एक सुरंग होती है, जो दो अलग-अलग जगहों को एक साथ जोड़ती है। इसके भीतर से सफर कर के लाखों प्रकाश वर्ष की दूरी को कुछ समय के भीतर ही किया जा सकता है। हॉलीवुड की दो लोकप्रिय फिल्म इंटरस्टेलर और स्टार ट्रेक में वर्म होल की अवधारणा को दिखाया गया है।
कॉस्मिक स्ट्रिंग
कॉस्मिक स्ट्रिंग एक तरह की कॉस्मिक ट्यूब होती है, जिसके भीतर बहुत ज्यादा मात्रा में ऊर्जा भरी हुई होती है। इसके अंदर के पदार्थ काफी ज्यादा सघन होते हैं। इस कारण कॉस्मिक स्ट्रिंग समय और स्पेस की चादर को आसानी से मोड़ देती है। ऐसे में कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके इस्तेमाल से समय यात्रा को संभव किया जा सकता है।
ब्लैक होल
ब्लैक होल ब्रह्मांड के सबसे सघन ऑब्जेक्ट में से एक होते हैं। इनका गुरुत्वाकर्षण बल इतना अधिक होता है कि ये अंतरिक्ष में फैले टाइम और स्पेस की चादर में बहुत बड़ा सुराख कर देते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्लैक होल के क्षितिज के पास समय काफी धीमा चलता है। अगर हम कोई ऐसा यान बना लें जो ब्लैक होल के क्षितिज का चक्कर लगाकर वापस आ जाए तो एक अर्थों में यान में सफर करने वाला व्यक्ति समय यात्रा कर सकेगा।
अनंत सिलेंडर
मशहूर वैज्ञानिक फ्रैंक टिपलर ने इस सिद्धांत को सामने रखा था। उनका कहना था कि अगर हम सूर्य के 10 गुना ज्यादा वजन के किसी पदार्थ को अरबों-खरबों बार लपेट कर एक लंबी वा सघन सिलेंडर में बदलकर उसे काफी तेजी से घुमाएं तो इसके जरिए हम समय यात्रा कर सकेंगे। इस सिद्धांत के मुताबिक सिलेंडर का आकार असीमित या कहें अनंत होना जरूरी है। सैद्धांतिक स्तर पर ये भले ही ठीक है। प्रायोगिक स्तर पर ये असंभव है।
प्रकाश गति
आइंस्टीन के सापेक्षतावाद के सिद्धांत की मानें तो अगर हम कोई ऐसा यान बना लें, जो प्रकाश की गति से सफर करने में सक्षम हो, तो इसके जरिए हम समय यात्रा कर सकते हैं। हालांकि समय यात्रा की यह अवधारणा सैद्धांतिक स्तर पर ही सही है, प्रायोगिक स्तर पर ऐसा नहीं हो सकता है। भौतिक नियमों की मानें तो प्रकाश की गति से वही पदार्थ सफर कर सकते हैं जिनके भीतर मास नहीं होता। वहीं जिन पदार्थों के भीतर मास होता है वह प्रकाश की गति से कभी भी सफर नहीं कर सकते हैं।
हमारे पास समय यात्रा करने के केवल सिद्धांत ही हैं, संसाधन नहीं। लंबे समय से वैज्ञानिक समय के आयाम के रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
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