दुनियाभर में इस साल पिछले साल की तुलना में फ्लू के मामलों में 99 प्रतिशत तक की कमी आई
कोरोना वायरस महामारी से दुनियाभर में अब तक लाखों लोग मारे गए और करोड़ों लोग इससे संक्रमित हुए हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| लंदन; कोरोना वायरस महामारी से दुनियाभर में अब तक लाखों लोग मारे गए और करोड़ों लोग इससे संक्रमित हुए हैं। कोरोना वायरस महामारी के खात्मे के लिए अब विश्वभर में वैक्सीन बनाने पर बहुत तेजी से काम चल रहा है। कोरोना वायरस महासंकट के बीच अब दुनिया से फ्लू की बीमारी एक तरह से लापता हो गई है। डब्ल्यूएचओ के डेटा से इसकी पुष्टि भी हुई है।
डेलीमेल ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि ऑस्ट्रेलिया में गत अप्रैल महीने में फ्लू के केवल 14 पॉजिटिव मामले सामने आए जबकि वर्ष 2019 में इसी अवधि में फ्लू के 367 मामले सामने आए थे। इस तरह फ्लू के मामलों में 96 प्रतिशत की कमी आई है। जून में फ्लू अपने चरम पर होता है लेकिन इसका एक भी मामला सामने नहीं आया। आलम यह है कि ऑस्ट्रेलिया में फ्लू का जुलाई से ही कोई भी मामला डब्ल्यूएचओ के सामने नहीं आया है।
इस बीच लैटिन अमेरिकी देश चिली में अप्रैल से लेकर अक्टूबर के बीच केवल 12 मामले सामने आए हैं जबकि वर्ष 2019 में चिली में फ्लू से संक्रमण के 7 हजार मामले सामने आए थे। दक्षिण अफ्रीका में फ्लू के मौसम में केवल दो मामले ही सामने आए। देश में इस साल पिछले साल की तुलना में फ्लू के मामलों में 99 प्रतिशत तक की कमी आई है।
फ्लू के मामलों में 98 प्रतिशत की कमी
ब्रिटेन में फ्लू का मौसम अभी शुरू हुआ है लेकिन कोरोना वायरस के मार्च में फैलने की शुरुआत के बाद केवल 767 मामले सामने आए हैं जबकि पिछले साल मार्च से लेकर अक्टूबर तक फ्लू के संक्रमण के 7 हजार मामले सामने आए थे। पिछले साल ब्रिटेन में सितंबर से अक्टूबर के बीच में फ्लू के मामलों में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी जो इस साल केवल 0.7 रही।
विश्वभर में अनुमान है कि फ्लू के मामलों में 98 प्रतिशत की कमी आ सकती है। क्लिनिकल लेक्चरर डॉक्टर डेविड स्ट्रेन ने कहा कि यह वास्तविक है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम फ्लू के कम मामले देख रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस ने फ्लू वायरस का खात्मा कर दिया। उनका कहना है कि अगर कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित है तो उसके दूसरे वायरस से संक्रमित होने का चांस कम है।